Gold Price: ऑल टाइम हाई पर 50000 के करीब पहुंचा भाव पहुंचा सोने का रेट
Gold-Silver Price:सोने के हाजिर भाव ने आज फिर एक नया इतिहास रच दिया। एक दिन पहले ही बना रिकॉर्ड आज टूट गया। विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना संकट के बीच जारी वैश्विक अनिश्चितता के चलते सोने में तेजी का दौर जारी रह सकता है। सोने के दाम में तेजी पिछले एक दशक से जारी है। सितंबर 2018 से सोना 55 फीसद तेज है। इस साल 6 महीने में ही 24 प्रतिशत की तेजी आई है। अगले 2 साल में सोने के भाव प्रति 10 ग्राम 20000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक बढ़ सकते हैं।
गुरुवार को देशभर के सर्राफा बाजारों में 24 कैरेट सोना बुधवार के मुकाबले 196 रुपये तेजी के साथ 49318 रुपये प्रति 10 ग्राम पर खुला। जबकि बुधवार को यह 49122 रुपये पर बंद हुआ था। वहीं चांदी आज 51000 के पार पहुंच गई है। आज सुबह 1092 रुपये महंगी होकर चांदी 51232 रुपये प्रति किलो से बिक रही है। हालांकि बुधवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 49,898 रुपये प्रति दस ग्राम के रेट से बिका था।
ज्वैलर्स एसोसिएशन दिल्ली के मीडिया प्रभारी राजेश खोसला के मुताबिक ibja देशभर के 14 सेंटरों से सोने-चांदी का करेंट रेट लेकर इसका औसत मूल्य बताता है। खोसला कहते हैं कि सोने-चांदी का करेंट रेट या यूं कहें हाजिर भाव अलग-अलग जगहों पर अलग हो सकते हैं पर इनकी कीमतों में मामूली अंतर होता है।
इस बार टूट गया ट्रेंड
पिछले महीने सोना हर बार रिकॉर्ड बनाने के बाद अगले दिन शिखर से फिसल जाता था, लेकिन इस बार यह ट्रेंड टूट गया। बुधवार को नए शिखर पर चढ़ने के बाद सोना, गुरुवार को एक और रिकॉर्ड बना दिया। बता दें 22 जून को सोने का हाजिर भाव एक नए रिकॉर्ड के साथ 48300 पर पहुंचा तो इसके बाद कई रिकॉर्ड बने और टूटे। अगले ही दिन यह फिर अपने सर्वोच्च शिखर से फिसल कर 48120 पर आ गया। एक दिन बाद ही यह 48575 का एक नया रिकॉर्ड बनाया और अगले दिन फिर फिसल कर 48137 पर आ गया। इसके बाद 29 जून सोमवार को 24 कैरेट 10 ग्राम सोने का भाव 48600 पर पहुंच कर एक और रिकॉर्ड स्थापित किया, लेकिन अगले ही दिन सोना फिर फिसल गया। एक जुलाई को फिर सोना 48980 के नए शिखर पर पहुंचा और पिछले ट्रेंड के मुताबिक अगले दिन फिर फिसल गया।
महंगाई की वजह
मंदी के दौरान शेयर घाटे की भरपाई में स्वर्ण सबसे बेहतर रहा है। उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में तेज वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन परिसंपत्ति मुद्रास्फीति (शेयर, अचल संपत्ति और बांड की उच्च कीमतें) दुनिया के बड़े हिस्सों में दिखाई पड़ी है। कोविड-19 के नकारात्मक प्रभाव का मुकाबला करने के लिए सरकारों ने अपने खर्च बढ़ा दिए हैं और लोगों को बहुत आर्थिक सहायता दी जा रही है। इसलिए उपभोक्ता मांग अव्यक्त रूप से बढ़ती रहेगी। वहीं अभी अन्य निवेश राशियों का भविष्य बहुत उज्ज्वल नहीं दिख रहा है। सावधि जमा पर ब्याज मोटे तौर पर कम हुआ है। साथ ही, अन्य ब्याज दरें भी कम रहने की संभावना है, क्योंकि आने वाले समय में बैंक की ऋण वृद्धि में और कमी आएगी।
बीएसई सेंसेक्स, भारत का प्रमुख शेयर बाजार सूचकांक, उस उच्च स्तर से लगभग 14 प्रतिशत नीचे है। वहीं देश के कई हिस्सों में पिछले कुछ वर्षों में घरों की कीमतें गिर गई हैं। आरबीआई हाउस मूल्य सूचकांक को देखें, तो घरों ने दिसंबर 2016 और दिसंबर 2019 के बीच प्रतिवर्ष औसतन 5.1 प्रतिशत लाभ दिया है। सभी लागतों को अगर मिलाकर देखें, तो कुछ वर्षों में देश के अनेक क्षेत्रों में आवास में निवेश से होने वाला लाभ नकारात्मक रहा है। जाहिर है, इससे भी स्वर्ण को फायदा हुआ है। सोने की खासियत रही है, यह तब भी लाभकारी होता है, जब बाकी निवेश अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं।