लॉकडाउन में बढ़ी Gold Loan की मांग, कीमतों में उछाल से हो रहा फायदा, धन जुटाने का है बेहतर विकल्प

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के प्रकोप और 40 दिन के लॉकडाउन के चलते आय प्रभावित होने के कारण देश में बहुत से लोग नकदी के संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में गोल्ड लोन की मांग में तेजी से इजाफा हुआ है। कर्जदाता भी मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए गोल्ड लोन को बढ़ावा दे रहे हैं। सोने की कीमत में अच्छी-खासी बढ़ोत्तरी हो जाने के कारण ग्राहक गोल्ड लोन के जरिए अधिक रकम के लोन के लिए आवेदन कर पा रहे हैं।
चीन के बाद भारत सोने का दूसरा बड़ा उपभोक्ता देश है। यहां बड़ी संख्या में लोग अपने घरों में सोना रखते हैं। मजबूत सामाजिक कल्याण प्रणाली और औपचारिक ऋण की व्यापक पहुंच का अभाव होने के कारण इस देश में सोना एक इंश्योरेंस पॉलिसी और रिटायरमेंट प्लान की तरह काम आता है। देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू 40 दिन के लॉकडाउन ने कई भारतियों को गोल्ड लोन लेने के लिए विवश किया है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल में भारत के मैनेजिंग डायरेक्टर पीआर सोमसुंदरम ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘सोने की रीसाइक्लिंग और गोल्ड लोन में अगली कुछ तिमाहियों में तेजी आने का अनुमान है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘दो कारणों से इस क्षेत्र में निश्चित रूप से मजबूत ग्रोथ रहेगी। पहला यह कि सोने की कीमतों में निरंतर इजाफा हो रहा है। इसलिए वे सोने की समान मात्रा के ऐवज में अधिक धन पा सकेंगे। दूसरा यह कि बैंक आर्थिक संकट की इस परिस्थिति में बिना मजबूत सुरक्षा के लोन देने की स्थिति में नहीं होंगे, इसलिए वे गोल्ड लोन को बढ़ावा देंगे।’
लॉकडाउन एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को 1980 के बाद के पूर्ण वर्ष के संकूचन की ओर ले जाता दिख रहा है। बड़ी आर्थिक मदद के अभाव में कई कंपनियों के कैश फ्लो में गिरावट आ रही है। विनिर्माण और खपत बाधित है और कई कंपनियां लागत को घटाने के लिए नौकरियों में छंटनी करने को मजबर हैं। सोमसुंदरम ने कहा कि ऐसे में गोल्ड लोन एक बेहतरीन उत्पाद होगा। उन्होंने कहा, ‘यह संभव है कि सोना कई लघु और मध्यम उद्यमों-व्यवसायों व परिवारों के धन जुटाने का अच्छा साधन बन सकता है।’
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का अनुमान है कि भारतीय परिवारों के पास 22,000 से 25,000 टन सोना रखा हुआ है। इसमें लगभग 65 फीसद सोना ग्रामीण क्षेत्र के परिवारों के पास है। आर्थिक संकट की स्थिति में अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए यह सोना एक आसान और बेहतर विकल्प बन सकता है।