ग्लोबल वार्मिंग:: 2100 तक भारत के 12 शहर जलमग्न होंगे,आईपीसीसी चेतावनी
न्यूयॉर्क : नासा की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2100 तक भारत के 12 शहर जलमग्न हो जाएंगे। विशाखापत्तनम समेत 12 शहरों के एक साथ गर्भ में चले जाने की रिपोर्ट का सारांश दहशत पैदा कर रहा है। नासा ने खुलासा किया है कि भारत में तटीय शहर अगले आठ दशकों में गायब होने के खतरे में हैं क्योंकि प्रदूषण के कारण बर्फ पिघलने के कारण समुद्र का स्तर बढ़ रहा है। इसने भारत को चेतावनी दी है कि अगर कार्बन उत्सर्जन और प्रदूषण को नहीं रोका गया तो एक बड़ी तबाही आसन्न है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने समुद्र के स्तर को मापने के लिए एक “प्रोजेक्शन टूल” विकसित किया है। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त अंतर सरकारी समिति, इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) द्वारा नवीनतम परिणाम जारी किए गए। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया को अगले 79 वर्षों के बाद भीषण गर्मी की लहरों का अनुभव होने की संभावना है। इसमें कहा गया है कि अगर कार्बन उत्सर्जन और प्रदूषण को नहीं रोका गया तो तापमान में औसतन 4.4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले दो दशकों में तापमान बढ़कर 1.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की उम्मीद है। इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) ने चेतावनी दी है कि बढ़ते तापमान से ग्लेशियर पिघल सकते हैं और समुद्र का स्तर बढ़ सकता है, जिससे विशाखापत्तनम, मुंबई, भावनगर, कोच्चि, मरमागांव, ओका, पारादीप, कांडला, मैंगलोर, चेन्नई और थूथुकुडी शहरों को खतरा हो सकता है। भारत में।
आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट से पता चलता है कि दुनिया में समुद्र के स्तर में वृद्धि एशिया में सबसे ज्यादा है। इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) के अनुसार, 2006 और 2018 के बीच दुनिया भर में समुद्र के स्तर में प्रति वर्ष 3.7 मिलीमीटर की वृद्धि हुई है। यह स्पष्ट किया कि 21वीं सदी के दौरान समुद्र के स्तर में वृद्धि जारी रहेगी।
वेंकट, ekhabar रिपोर्टर,