2027 तक पेट्रोल-डीजल कारों से सस्ते होंगे इलेक्ट्रिक व्हीकल:1 साल में भारत की EV में हिस्सेदारी 3 गुना बढ़ी, एनर्जी इनोवेशन रिपोर्ट में अनुमान
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भारत समेत दुनियाभर का कार बाजार तेजी से बदल रहा है। यूरोप में 2024, चीन में 2025, अमेरिका में 2026 और भारत में 2027 तक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) के दाम पेट्रोल-डीजल कारों के बराबर या उनसे कम हो जाएंगे। इकोनॉमिक्स ऑफ एनर्जी इनोवेशन एंड सिस्टम ट्रांजिशन (EEIST) की एक एनालिसिस रिपोर्ट में ये अनुमान लगाया गया है।
EEIST ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर का एक खास प्रोजेक्ट है। इसकी प्रोफेसर मेई मेई एइलीन लैम कहती हैं, ‘भारत में EV की हिस्सेदारी 1 साल में 0.4% से 3 गुना बढ़कर 1.5% हो गई। बाकी दुनिया को ये उपलब्धि हासिल करने में 3 साल लगे। 2030 तक बैटरी की घटती लागत दुनियाभर में EV को पेट्रोलियम गाड़ियों से सस्ता बना देगी।’
2030 तक दो-तिहाई बाजार पर EV का कब्जा
अमेरिका के रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट (RMI) और बेजोस अर्थ फंड का कहना है कि 2030 तक ग्लोबल ऑटोमोबाइल मार्केट में दो-तिहाई से ज्यादा हिस्सेदारी EV की हो सकती है। पेट्रोल-डीजल कारों की बिक्री 2017 में हाई पर थी। इस दशक के मध्य तक जितनी नई पेट्रोलियम गाड़ियां बिकेंगी, उससे ज्यादा स्क्रैप होंगी।
2030 तक ग्लोबल ऑटो मार्केट में होंगे 4 बदलाव
मार्केट शेयर : दुनिया में EV की सेल्स 6 गुना बढ़ जाएगी। नए वाहनों की सेल्स में EV की 62-86% हिस्सेदारी होगी।
ऑयल डिमांड : 2019 में क्रूड की ग्लोबल मांग हाई पर थी। 2030 के बाद सालाना 10 लाख बैरल की कमी आएगी।
बैटरी लागत : वर्तमान दशक में 151 डॉलर से घटकर 60-90 डॉलर प्रति किलोवॉट आवर रह जाएगी।
कॉमर्शियल व्हीकल : ई-कारों की सेल्स बढ़ने से टू व्हीलर, बस, ट्रक जैसे वाहनों में इलेक्ट्रिफिकेशन को बढ़ावा मिलेगा।
EV के मामले में चीन सबसे आगे
चीन 2030 तक 90% EV सेल्स की तरफ बढ़ रहा है। वहां अब भी बिक रहीं करीब एक तिहाई नई गाड़ियां इलेक्ट्रिक व्हीकल हैं।