चीन की कमर तोड़ देगा डोनाल्ड ट्रंप का यह फैसला, लगाया 12.5 अरब डॉलर जुर्माना
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से सामानों के आयात पर 50 अरब डॉलर के नये शुल्क को मंजूरी दे दी है। इसके बाद चीन ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। इससे दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है। अमेरिका ने कहा कि चीन पर लगाया गया शुल्क उस बात की प्रक्रिया है जिसे वह बौद्धिक संपदा की चोरी बताता आया है। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि द्वारा इस संबंध में आज औपचारिक घोषणा किये जाने का अनुमान है। आने वाले सप्ताह में इसे संघीय लेखा – जोखा में भी अधिसूचित किये जाने का अनुमान है। ऐसी आशंका है कि चीन भी इस पर जवाबी कदम उठाएगा। ट्रंप ने वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस , वित्त मंत्री स्टीवन न्यूचिन और व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर के साथ कल 90 मिनट की बैठक के बाद इसे मंजूरी दी। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
चीन ने ट्रंप के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह जल्दी ही जवाबी कदम उठाएगा। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने बीजिंग में नियमित प्रेस वार्ता के दौरान कहा , ‘‘ यदि अमेरिका एकपक्षीय संरक्षणवादी कदम उठाता है और चीन के हितों को नुकसान पहुंचाता है तो हम तत्काल प्रतिक्रिया देंगे और अपने वैधानिक अधिकारों एवं हितों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। ’’ चीन ने पहले कहा था कि यदि अमेरिका ने 50 अरब डॉलर का शुल्क लगाया तो वह भी अमेरिकी उत्पादों जैसे कार , विमान एवं सोयाबीन पर 50 अरब डॉलर का शुल्क लगाएगा।
ट्रंप ने सबसे पहले मार्च में कहा था कि अमेरिका चीन के उत्पादों पर 50 अरब डॉलर का शुल्क लगाएगा। चीन द्वारा जवाबी कार्रवाई की चेतावनी के बाद ट्रंप ने चीन के उत्पादों पर 100 अरब डॉलर का अतिरिक्त शुल्क लगाने की बात की थी। बाद में मई के मध्य में दोनों देशों ने इसके बारे में बातचीत शुरू की थी। हालांकि महज 10 ही दिन बाद अमेरिका ने कहा था कि वह शुल्क के साथ आगे बढ़ेगा। इस निर्णय के बाद सांसद रोजा डीलॉरो ने कहा कि इस शुल्क को अमेरिका द्वारा चीन जैसे गैरजिम्मेदार देशों को जवाबदेह बनाने तथा चीन की सरकार को व्यापार का अधिक अनुकूल संतुलन तय करने को बातचीत की मेज तक लाने के समाधान की तरह देखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा , ‘‘ हम हालिया अफरातफरी को जारी रहने की अनुमति देकर दुनिया में अपनी स्थिति को अधिक नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते। यही कारण है कि मैं राष्ट्रपति ट्रंप से ऐसी विस्तृत नीति के साथ अमेरिकी रोजगार के लिए लड़ने की अपील कर रही हूं जो अमेरिका के आर्थिक हितों को सामने और केंद्र में रखे। ’’ इस बीच वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि अमेरिका का निर्णय जवाबी कदम के जैसे – को – तैसा प्रतिक्रिया की श्रृंखला की शुरुआत कर सकता है। चीन के एक अधिकारी ने भी कहा था कि यदि अमेरिका चीन पर शुल्क लगाता है तो चीन भी तत्काल अमेरिका पर शुल्क लगाएगा।