दिग्विजय ने शिक्षकों को शिक्षाकर्मी और गुरुजी बनाकर सबसे बड़ा पाप किया, हमने सम्मान दिया: शिवराज
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भिंड. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शिक्षा की पूरी व्यवस्था चौपट करने का सबसे बड़ा पाप कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने किया है। शिक्षक की जगह शिक्षाकर्मी और गुरुजी रख दिए, जिनका मानदेय या सैलरी 500 रुपया या 1200 रुपए थी। मैं मानता हूं यह सबसे बड़ा पाप था, क्योंकि इससे भावी पीढ़ी का भविष्य बर्बाद हुआ। ऐसी बदहाली की स्थिति में भाजपा ने मध्यप्रदेश संभाला। हमारी सरकार ने शिक्षकों को सम्मान दिया। यह बात उन्होंने भिंड सर्किट हाउस पर रविवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा भी उपस्थित थे। इसके बाद जनआशीर्वाद यात्रा अटेर के परा, मेहगांव के गोरमी, पोरसा, अंबाह, दिमनी और मुरैना पहुंची, जहां मुख्यमंत्री ने सभाओं को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी व्यक्ति या दल को शहीदों का अपमान नहीं करना चाहिए। सम्मान करना चाहिए। ये कांग्रेस पार्टी सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाती है। हमारे लिए गर्व का विषय है कि तमाम खतरा लेकर हमारे जवान पाकिस्तान की सीमा में घुसे और सफलता हासिल कर लौटे। लेकिन कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए। सबूत मांगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बड़े नेता कहलाने वाले आतंकवादियों को जी करके संबोधित करते हैं।
कांग्रेसियों की आंखों पर तो गुलामी का चश्मा चढ़ा है:मुरैना में सीएम ने कहा कि कांग्रेसियों की आंखों पर तो विदेशी गुलामी का चश्मा चढ़ा है, इसलिए इन्हें मप्र से अच्छी अमेरिका की सड़कें दिखती हैं। कांग्रेसी हमें बीमारू राज्य दे गए। आज हर घर में बिजली और हर गांव में सड़कें हैं। सड़कें भी ऐसी, जिन पर बच्चे दौड़ते हुए स्कूल जा रहे हैं।