डिजिटल इंडिया से बंद हुई दलाली, हक की लड़ाई बना अभियान: PM मोदी
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डिजिटल इंडिया के आलोचकों को जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि दलाली को रोकने का अभियान ‘डिजिटल इंडिया’ है जिससे परेशान होकर दलाल और बिचौलिये तरह-तरह की अफवाह फैलाने में लगे हैं लेकिन गांव, गरीब, किसान के सशक्तीकरण एवं लोगों के हक की लड़ाई के माध्यम डिजिटल इंडिया को और मजबूत बनाने को सरकार प्रतिबद्ध है.
पीएम मोदी ने कहा कि यह अभियान दलाली बनाम डिजिटल इंडिया का है और लोगों को अपने हक की लड़ाई के इस डिजिटल माध्यम का पूरा उपयोग करना चाहिए. नरेंद्र मोदी नमो ऐप के जरिए डिजिटल इंडिया के लाभार्थियों से बात की. देश के अलग-अलग हिस्सों के कॉमन सर्विस सेंटर्स (सीएससी) से लोग पीएम के साथ जुड़े. डिजिटल इंडिया के लाभार्थियों ने पीएम के साथ अपने अनुभव साझा किए और भीम ऐप, डिजिलट भुगतान से मिले फायदों के बारे में पीएम मोदी को बताया.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि डिजिटल इंडिया की शुरुआत के दौरान कुछ लोगों ने इसकी कितनी आलोचना की थी. कहा था कि जिस देश में गांवों में ऐसी सुविधा नहीं है, लोग तकिये के नीचे पैसा रखते हैं, बिचौलिये बीच में पैसा खाते हैं, वहां यह कैसे चलेगा. लेकिन आज घर में काम करने वाली महिला मीनू, 10वीं एवं 12वीं में पढ़ने वाली लड़कियों, सपेरा समुदाय से आने वाली बालिका ने इस माध्यम का उपयोग करके आलोचकों को जवाब दे दिया है.
मोदी ने कहा, ‘लेकिन आज जब गांव, गरीब, किसान इस माध्यम का उपयोग कर रहा है तब कुछ लोग नयी-नयी अफवाह फैला रहे हैं. कह रहे हैं कि इसमें सुरक्षा नहीं है. इस साजिश के पीछे वे लोग है जिनकी दुकानें बंद हो गई हैं. बिचौलियों के कमीशन बंद हो गए हैं. ऐसे में वे लोग नयी-नयी अफवाहें फैला रहे हैं.’
सशक्तीकरण और साक्षरता का माध्यम
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई कितनी भी गाली क्यों न दें लेकिन हमें देश को आगे ले जाना है और यह दिख रहा है कि देश बदल रहा है. उन्होंने कहा कि आज गांव, गरीब, किसान, युवा डिडिटल इंडिया का भरपूर लाभ उठा रहे हैं जो गांव के सशक्तीकरण और साक्षरता का बड़ा माध्यम बनकर उभरा है.
मोदी ने कहा कि इस पहल के तहत प्रधानमंत्री ग्राम डिजिटल साक्षरता अभियान की भी शुरूआत की गई थी. इसके तहत 20 घंटे के बुनियादी कम्प्यूटर कोर्स की जानकारी देने का प्रावधान किया गया है. अब तक सवा करोड़ लोगों को प्रशिक्षण दिया गया है जिसमें 70 प्रतिशत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति समुदाय से हैं.
यूपी के गौतमबुद्ध नगर स्थित सीएससी सेंटर से सबसे पहले लोग प्रधानमंत्री मोदी के साथ जुड़े. उन लोगों ने पीएम मोदी को इस सेंटर्स से मिल रहे फायदों के बारे में बताया. सेंटर के संचालन ने बताया कि वो पीएमजी दिशा के जरिए ग्रामवासियों को सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं और उन्हें डिजिटल साक्षर किया है.
लाभार्थियों से सीधा संवाद
हरियाणा के यमुनानगर के सीएससी सेंटर से भी लोग पीएम मोदी से साथ जुड़े. सेंटर संचालक ने पीएम मोदी को बताया कि डिजिटल भुगतान के जरिए ग्रामीणों के रोजर्मरा के काम-काज आसान हो गए हैं और नोटबंदी के दौरान डिजिटल भुगतान का काफी फायदा हुआ है. इसके अलावा गांव की महिलाओं को इस सेंटर और डिजिटल इंडिया के जरिए सशक्त बनाने का काम किया जा रहा है.
महाराष्ट्र को गोंदिया से भी लोग पीएम के साथ जुड़े और डिजिटल इंडिया से होने वाले फायदों के बारे में प्रधानमंत्री को अवगत कराया. इस सेंटर्स पर काम करने वालों ने अपने लिए एक यूनिफॉर्म भी तैयार की है ताकि गांव के लोग इन लोगों के मदद ले सकें. राजस्थान के अलवर से जुड़े लोगों ने भी पीएम मोदी के साथ अपने अनुभव साझा कि
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि चार साल पहले ग्रामीणों, गरीबों को डिजिटल इंडिया से जोड़कर सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया था और आज इसके जरिए युवा ही नहीं बल्कि समाज का हर तबका सशक्त हुआ है. पीएम ने बताया कि पेंशन धारकों से लेकर विद्यार्थी वर्ग, कामगारों, महिलाओं को इस योजना का लाभ मिला है.
पीएम मोदी ने बताया कि देशभर में 3 लाख सीएससी खोले जा चुके हैं और एक लाख 83 हजार ग्राम पंचायतों में इनका नेटवर्क फैला हुआ है. पीएम ने कहा कि इसके जरिए न सिर्फ लोगों को रोजगार मिला बल्कि सरकारी योजनाएं आसानी से लोगों तक पहुंच रही हैं.