अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से धोनी के संन्यास के निर्णय से प्रशंसकों को झटका
देश के अत्यंत पिछड़े हुए राज्य झारखंड की राजधानी रांची से निकल कर दुनिया भर में क्रिकेट जगत में अपने देश का परचम लहराने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिए जाने का निर्णय से देश के क्रिकेट प्रेमियों को गहरा झटका लगा है। उनके इस निर्णय के बाद क्रिकेट प्रेमियों की जो प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, उससे इस महान खिलाड़ी की अहमियत का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और वर्तमान में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली का कहना है कि, ‘एमएस धोनी के जाने के साथ ही एक युग का अंत हो गया है। वे भारतीय एवं विश्व क्रिकेट के एक शानदार खिलाड़ी साबित हुए हैं। उनकी कप्तानी की विशेषता ऐसी है, जिसकी बराबरी करना कापफी मुश्किल होगा, विशेष रूप से सीमित ओवरों वाले क्रिकेट में।
देश के धुरंधर क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग का कहना है कि, ‘माही जैसा न कोई था और न कोई होगा। खिलाड़ी आते जाते रहते हैं, लेकिन धोनी के जैसा शांत खिलाड़ी कोई और नहीं होगा। धोनी क्रिकेट प्रेमियों के संग ऐसे जुड़ते हैं, जैसे वे उनके परिवार के सदस्य हों।’
क्रिकेट जगत में यदि धोनी के करियर को देखा जाए तो पता चलता है कि उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन के बल पर कई बार अपने प्रशंसकों का दिल जीता है। धोनी ने अब तक भारत की ओर से साढ़े तीन सौ एक दिवसीय क्रिकेट मैच खेलकर 10,773 रन बनाये, वे भी 50 से अधिक के स्ट्राइक रेट के साथ। धोनी ने अपने वनडे पारियों में कुल दस शतक तथा 73 अर्धशतक ठोंके। यदि धोनी के टी—20 मैचों के करियर पर निगाह डाली जाये तो उन्होंने 98 टी—20 मैच खेले और 1,0617 रन बनाये। जहां तक टेस्ट मैचों का सवाल है, तो धोनी ने सन् 2014 में ही टेस्ट मैचों को अलविदा कह दिया था। उन्होंने अपने टेस्ट क्रिकेट करियर में कुल 90 मैच खेले, जिनमें 38 से अधिक के स्ट्राइक रेट के साथ 4,876 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। बीते दिवस जब देश की जनता 74वां स्वाधीनता दिवस का जश्न मना रही थी, उसी वक्त यकायक भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को बाय—बाय कर दिया। धोनी के इस फैसले से उनके लाखों—करोड़ों प्रशंसक हतप्रभ रह गये। इसी के साथ ही क्रिकेट की दुनिया में धोनी युग का समापन हो गया।
माही ने अपने इंस्ट्रा्ग्राम पेज पर लिखा कि, ’आप लोगों के प्यार और सहयोग के लिए शुक्रिया। मुझे रिटायर समझा जाये। इसमें कोई संदेह नहीं कि धोनी ने क्रिकेट की टीम इंडिया की अपनी कप्तानी के दौरान भारत को कामयाबी के शिखर पर पहुंचाया। उन्होंने कप्तान के रूप में सन् 2007 में न केवल टी—20 विश्व कप भारत को हासिल कराया, बल्कि सन् 2011 में भी वन डे क्रिेकेट विश्व कप पर भी भारत का कब्जा करवाया। माही ने अपनी कप्तानी में वर्ष 2013 में चैंपियन ट्राफी का खिताब भी भारत की झोली में डाला। उनकी कप्तानी के दिनों में टेस्ट क्रिकेट में लगातार डेढ़ वर्ष तक भारतीय क्रिकेट टीम विश्व में नंबर वन क्रिकेट टीम के रूप में यश बनी रही।
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली का कहना है कि, ‘आप हमारे कप्तान आज भी हैं और आगे भी रहेंगे।’ सच है कि महेंद्र सिंह धोनी ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से भले ही संन्यास ले लिया हो, राष्ट्र के लिए हासिल की गयी उनकी उपलब्धियों के लिए देश हमेशा उनका ऋणी रहेगा।
RAHUL SINGH CHOUDHARY