भारत बंद पर कांग्रेस को मिला 18 दलों का समर्थन, टीएमसी नहीं लेगी हिस्सा
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पेट्रोल-डीजल के दाम में लगातार बढ़ोतरी पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस की ओर से आहूत ‘भारत बंद’ को विपक्ष की कुल 18 छोटी-बड़ी पार्टियों का समर्थन मिला है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने कहा, वह पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी जैसे मुद्दों को उठाती रहेगी, लेकिन विपक्षी पार्टियों के 10 सितंबर के भारत बंद को अपना समर्थन देने से इनकार कर दिया।
पार्टी महासचिव पार्था चटर्जी ने कहा कि इसके बजाय तृणमूल कांग्रेस उस दिन पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस जैसी आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों और रुपये के गिरते मूल्य के विरोध में समूचे राज्य में प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि ‘भारत बंद’ के लिए सपा, बसपा, राकांपा, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, राजद, माकपा, भाकपा, जनता दल (एस), रालोद, झामुमो और कई अन्य दल समर्थन कर रहे हैं। पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘कुल 18 पार्टियां भारत बंद का समर्थन कर रही हैं। सोमवार को निश्चित तौर पर भारत बंद कामयाब होगा।’
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल ने तकरीबन सभी विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं से बात की है। सूत्रों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में अपनी सरकार होने की वजह से तृणमूल कांग्रेस वहां जनजीवन ठप करने के पक्ष में नहीं है। कांग्रेस ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के खिलाफ आगामी 10 सितंबर को ‘भारत बंद’ बुलाया है। पार्टी ने सभी सामाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे ‘भारत बंद’ का समर्थन करें। कांग्रेस का कहना है कि उसकी ओर से बुलाया गया ‘भारत बंद’ सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक रहेगा, ताकि आम जनता को दिक्कत नहीं हो।
कर कम करने की जिम्मेदारी केंद्र की: तमिलनाडु
पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों के मद्देनजर शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार ने कल्याण योजनाओं का हवाला देते हुए कर में कटौती करने की संभावना से इनकार कर दिया और कहा कि जनता को राहत पहुंचाने की जिम्मेदारी केंद्र की है। मत्स्यपालन मंत्री डी जयकुमार ने कहा कि राज्य सरकार 77,000 करोड़ रुपये की कल्याण योजनाएं चला रही है, साथ ही कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों पर कर कम करने से इनमें कठिनाई आएगी।
ओडिशा विधानसभा की कार्यवाही प्रभावित
ओडिशा विधानसभा में शुक्रवार को ईंधन की कीमतों में वृद्धि और राज्य भर में शिक्षकों की हड़ताल के मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने तेज नारेबाजी की। विधानसभा में प्रश्नकाल शुरू होने के दो मिनट बाद ही अध्यक्ष पीके अमाट ने भारी शोर-शराबे के बीच विधानसभा की कार्यवाही आगे बढ़ाने में असमर्थता जताते हुए विधानसभा की कार्यवाही दोपहर तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी।