मध्यप्रदेश: नए मंत्रिमंडल को लेकर कमलनाथ, सिंधिया, एंटनी में देर रात तक चली चर्चा, आज तय होंगे नाम
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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नई सरकार में मंत्री पद के लिए विधायकों के नाम तय करने को लेकर शुक्रवार को दिल्ली में देर रात तक बैठक की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ देर रात तक मंत्रिमंडल को लेकर चर्चा करते रहे लेकिन सूची तय नहीं की जा सकी। खबरों के मुताबिक मंत्री पद के लिए विधायकों के नाम शनिवार को तय हो जाएंगे। जिसके बाद सोमवार को शपथ ग्रहण हो सकता है। कमलनाथ गुरुवार को दिल्ली पहुंच गए थे और यहां सांसद सिंधिया से मंत्रीमंडल गठन को लेकर चर्चा की थी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक एके एंटनी, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया संभावित नामों की सूची के साथ शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलेंगे और मंत्रिमंडल के बारे में चर्चा करेंगे। राहुल गांधी की सहमति के बाद मंत्रियों को नाम फाइनल होंगे।
लोकसभा चुनाव 2019 पर नजर
अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले वाले हैं। ऐसे में प्रदेश में पार्टी के भीतर अलग-अलग गुटों और क्षेत्रीय संतुलन को बनाने पर चर्चा हो रही है। इसे ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल गठन को लेकर चर्चा लंबी चल रही है। मंत्रिमंडल में वरिष्ठ सदस्यों को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा चार निर्दलियों में से दो को मंत्रिमंडल में स्थान दिए जाने पर भी चर्चा हुई।
सूत्र बताते हैं कि नेताओं के बीच चर्चा में इस बिंदु पर ध्यान दिया गया कि मंत्रिमंडल का आकार छोटा हो यानी 15 से 20 विधायकों को ही शामिल किया जाए। चार निर्दलीय विधायकों में से दो को कहीं और स्थान दिया जाएगा। कमलनाथ दिल्ली रवाना होने से पहले चारों विधायकों से व्यक्तिगत तौर पर बातचीत कर चुके हैं।
समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) ने बिना शर्त कांग्रेस को समर्थन दिया है। इस बारे में कमलनाथ साफ कर चुके हैं कि अपने विधायकों को मंत्रिमंडल में रखना है या नहीं, इस पर फैसला सपा-बसपा नेतृत्व को लेना है।
इन क्षेत्रों का होगा सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व
कमलनाथ मालवा-निमाड़ क्षेत्र पर खास ध्यान देते दिख रहे हैं। क्षेत्र की 66 सीटों में से कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 36 सीटें जीती हैं। इसके बाद ग्वालियर-चंबल अंचल की 34 सीटों में से कांग्रेस ने 26 सीटें जीती हैं। इसलिए इन इलाकों से नुमाइंदगी को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके बाद महाकौशल, बुंदेलखंड और विंध्य से भी मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व होगा।