अमेरिका ने भारत पर लगाया ‘अनुचित’ व्यापार दस्तूर अपनाने का आरोप
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भारत दौरे पर आए अमेरिकी वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अमेरिका ने कहा है कि भारत ‘अनुचित’ व्यापार नीति अपना रहा है और उसे भारत में काम कर रही अमेरिकी कंपनियों के मार्ग में आ रही बाधाओं को कम करना चाहिए. रॉस ने यह उम्मीद जताई कि नई सरकार इन मसलों का समाधान करेगी.
अमेरिका चाहता है कि यहां काम कर रही उसकी कंपनियों के लिये भारत व्यापार करने और आंकड़ों के स्थानीय रूप से रखे जाने के संदर्भ में बाधाओं को कम करे. अमेरिकी वाणिज्य मंत्री (कॉमर्स सेक्रेटरी) विलबर रॉस ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि यहां काम कर रही अमेरिकी कंपनियों के लिये बाधाओं को दूर किया जाए. इसमें आंकड़ों को स्थानीय रूप से रखे जाने की पाबंदी का मुद्दा भी शामिल हैं. इससे वास्तव में आंकड़ों की सुरक्षा कमजोर होती है तथा कारोबार की लागत बढ़ती है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक रॉस ने ट्रेड विंड फोरम और ट्रेड मिशन को संबोधित करते हुए यह बात कही.
ऊंचे आयात शुल्क का आरोप
रॉस 100 अमेरिकी बिजनेस डेलीगेट के साथ यहां आये हुए हैं. उन्होंने कहा कि हम इनमें से कुछ बाधाओं को दूर करने को लेकर भारत की प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं. नई सरकार के संभवत: जून में आने के बाद मामले के समाधान की उम्मीद है. रॉस ने यह आरोप लगाया कि भारत वाहन, मोटरसाइकिल और कृषि उत्पाद जैसे सामानों पर ऊंची दर से आयात शुल्क लगाता है.
उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि व्यापार संबंध निष्पक्षता और परस्पर हितों पर आधारित होना चाहिए. लेकिन फिलहाल अमेरिकी कंपनियों को भारत में कई बाजार बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है. इसमें शुल्क और गैर-शुल्क बाधाएं शामिल हैं. साथ ही कई ऐसी गतिविधियां और नियमन हैं जो विदेशी कंपनियों के लिये नुकसानदायक हैं. उन्होंने कहा, ‘भारत में औसत शुल्क दर 13.8 प्रतिशत है और यह दुनिया की किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था में सर्वाधिक है. उदाहरण के लिये वाहनों पर 60 प्रतिशत शुल्क है, जबकि अमेरिका में यह 2.5 प्रतिशत है. मोटरसाइकिल पर 50 प्रतिशत तथा अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों पर 150 प्रतिशत शुल्क है.’
अमेरिकी मंत्री ने कहा कि भारत कृषि उत्पादों पर औसतन 113.5 प्रतिशत की दर से तथा कुछ उत्पादों पर 300 प्रतिशत शुल्क लगा रहा है जो काफी ऊंचा है.
अमेरिकी आरोप को गलत बता रहे एक्सपर्ट
हालांकि, भारत के व्यापार विशेषज्ञ अमेरिका की बात को काटते हैं. उनका कहना है कि भारत ऊंचा शुल्क नहीं लगाता है और उसके पास कृषि जैसे विशेष क्षेत्र में अपने हितों की रक्षा के लिये सभी अधिकार है. रॉस ने कहा कि हम भारत सरकार के साथ काम कर रहे हैं तथा हमारे निजी क्षेत्र के भागीदार बाजार में प्रवेश के मसले को अमेरिका-भारत वाणिज्यिक वार्ता तथा अमेरिका-भारत सीईओ मंच के जरिये समाधान करेंगे. अमेरिकी कंपनियों के समक्ष बड़ी बाधाओं में चिकित्सा उपकरणों पर मूल्य नियंत्रण तथा प्रतिबंधात्मक शुल्क तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं दूरसंचार उत्पादों की जांच शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि राउटर, स्विच तथा सेल्यूलर फोन के कल-पुर्जो पर आयात शुल्क 20 प्रतिशत है. रॉस ने कहा कि दूसरी तरफ अमेरिका द्वारा भारत से आयातित इन उत्पादों पर शुल्क शून्य है. उन्होंने उम्मीद जताई कि नई सरकार इन मामलों पर गौर करेगी. कार्यक्रम में भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने कहा कि मंत्री रॉस ने मंगलवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. बैठक के दौरान उन्होंने इन मुद्दों को उठाया.