मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने निवास पर मीसा बंदियों का सम्मान किया।

भोपाल।मीसाबंदियों को अब स्वंतत्रता संग्राम सेनानी जैसा सम्मान दिया जाएगा। उनको न सिर्फ ताम्रपत्र मिलेगा बल्कि 15 अगस्त और 26 जनवरी को सम्मानित भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री निवास मेंं आयोजित लोकतंत्र सेनानी सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीसाबंदियों का सम्मान किया। इस मौके पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया कि लोकतंत्र सेनानी सम्मान के हकदार है, इसलिए उनको स्वंतत्रता संग्राम सेनानी जैसा सम्मान दिया जाएगा। उन्होंने सेनानी के निधन पर एक महीने के अंदर ही पेंशन परिवार के सदस्य को दी जाएगी।
– स्वास्थ्य खराब होने पर इलाज की रकम देने के लिए कलेक्टर को ही अधिकार दे दिए जाएगे। गृह निर्माण मंडल के आवास में पात्रता दी जाएगी। सरकार विधानसभा में कानून लाकर सुविधाएं स्थाई कर दी जाएगी। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार भी मौजूद रहे।
– आज से मध्य प्रदेश में मीसा बंदियों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की तरह सभी सुविधाएं दी जाएंगी। इसके लिए विधानसभा में आज कानून संबंधी विघेयक पारित किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर आपातकाल के दौरान अपने जेल में बंद रहने के संस्मरण भी सुनाए। सम्मान समारोह में केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार भी मौजूद थे। उन्होंने मीसा बंदी रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का भारत सरकार की ओर से सम्मान किया।
मैंने खुद झेला है आपातकाल का दर्द
– मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “लोकतंत्र को शर्मसार करने वाली महत्वाकांक्षा की जिद ने देश को अंधकार में धकेल दिया था। आज के दिन वे स्मृतियां ताज़ा हो जाती हैं, जब महीनों तक मैं लोकतंत्र के लाखों रक्षकों के साथ घोर यंत्रणा झेलता रहा, लेकिन देश को किसी की बपौती नहीं बनने दिया गया।”
– सबको पता है कि किस पार्टी को लोकशाही से पुरानी दुश्मनी है, जिनके पुरखे आपातकाल ले कर आ गए थे, उन्ही लोगों ने आज प्रदेश की विधानसभा की कार्यवाही को भी सुचारू रूप से चलने नहीं दिया।
मीसाबंदी आपातकाल के नायक
– मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आपातकाल के विरुद्ध लड़ी गई लड़ाई को आजादी की दूसरी लड़ाई थी। उन्होंने कहा कि आपातकाल के खिलाफ लड़ने वाले मीसा बंदी उस लड़ाई के नायक थे। देश में आज लोकतंत्र मीसा बंदियों की वजह से जिंदा है। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान अगर मीसा बंदी तत्कालीन शासन से लड़ाई न लड़ते तो शायद आज देश में लोकतंत्र भी नहीं होता।
– मुख्यमंत्री ने कहा, वह खुद मीसा बंदी रहे हैं व मीसा बंदियों के साथ आपातकाल के दौरान जेलों में हुए अमानुषिक अत्याचार के गवाह भी हैं। जेल में उनकी पिटाई की गई और भद्दी गालियां दी गईं। इस मौके पर पांच महिला मीसा बंदियों सहित तीन मंत्रियों को भी सम्मानित किया गया।
मप्र में अघोषित आपातकाल : कमलनाथ
– प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि भाजपा पहले मध्यप्रदेश में निरंतर जारी अघोषित आपातकाल को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाए, फिर 43 वर्ष पूर्व के आपातकाल की बात करे।
कमलनाथ ने कहा कि आज मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार में अघोषित आपातकाल की स्थिति निरंतर बनी हुई है। मध्यप्रदेश में दो तरह के कानून चल रहे हैं।
– एक भाजपा और उससे जुड़े हुए लोगों के लिए और दूसरा विपक्ष व आम जनता के लिए। लोगों के विरोध व हक की आवाज को सरकार निरंतर दमनपूर्वक दबा रही है। प्रदेश में हर वर्ग परेशान है। उसकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। लोगों के प्रजातांत्रिक अधिकारों का निरंतर दमन किया जा रहा है। उन्होंने कुछ बिंदु उठाते हुए शिवराज सरकार से पूछा है, क्या यह अघोषित आपातकाल नहीं है?