Box Office: बड़े परदे पर कल से ‘पद्मावत’, भंसाली ने लगाया है इतने करोड़ का दांव
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मुंबई। संजय लीला भंसाली के छह ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से चौथा सपना ‘ पद्मावत ‘ कल यानि 24 जनवरी से साकार होने जा रहा है। दो साल में पद्मावती से पद्मावत हो गई इस फिल्म की जब नींव रखी गई थी तो भंसाली को इस बात का यकीन तो नहीं रहा होगा कि पद्मावत हिंसक विरोध की आग में इस कदर झुलस जायेगी लेकिन एक बात का आभास तो जरुर रहा होगा कि इतिहास के इस दस्तावेज में कहीं न कहीं एक चिंगारी तो छिपी है।
खैर, लड़ते- भिड़ते और ‘फिंगर्स क्रॉस’ करते करते पद्मावत अब रिलीज़ पर आ पहुंची है। विरोध अब भी जारी है, हिंसा बढ़ी है, सबसे ऊपरी अदालत अपनी बात पर कायम है कि राज्य क़ानून व्यवस्था को बनाये रखते हुए पद्मावत को रिलीज़ करें। पंद्रहवी शताब्दी के सूफ़ी और निर्गुण प्रेमाश्रयी काव्य धारा के झंडाबरदार मलिक मोहम्मद जायसी की प्रसिद्ध रचना ‘ पद्मावत ‘ को अब दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर बड़े परदे पर लायेंगे। साथ में छोटे छोटे लेकिन अहम् रोल्स में रज़ा मुराद, अदिति राव हैदरी, अनुप्रिया गोयनका और जिम सर्भ भी दिखेंगे। करीब दो घंटे 43 मिनट की पद्मावत, जायसी के आधार और भंसाली की सिनेमेटिक सोच का मिश्रण मानी जा रही है। कहानी वही 13वीं शताब्दी की है, जिसमें खिलजी वंश का शासक जलालुद्दीन खिलजी दिल्ली जीतने की योजना बनाता है और उसका भतीजा अलाउद्दीन, चाचा को ही मार कर दिल्ली का सुल्तान। मेवाड़ के राजा महारावल रतन सिंह, सिंघल द्वीप की राजकुमारी पद्मिनी से ब्याह कर उसे चित्तौड़ लाते हैं। इसके बाद शुरू होती है असली कहानी। महारावल को छल से बंदी बनाने की, रानी पद्मिनी के सौन्दर्य पर अपने पौरुष के इगो को साबित करने और दरिंदगी की सीमाओं में सब कुछ समेट कर वर्चस्व दिखाने की।
कहानी से पद्मावती से पद्मावत हो जाने की –
सेंसर बोर्ड ने फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट के साथ पास किया है। पर इतनी आसानी से नहीं। जब ये फिल्म पद्मावती बन कर सेंसर के पास आई थी तब तक देश भर में बवाल हो चुका था और मजबूरन निर्माताओं को एक दिसंबर 2017 की अपनी रिलीज़ डेट को भी टालना पड़ा था। सेंसर को भी एक्सपर्ट पैनल बिठा कर उनकी राय लेनी पड़ी थी और फिर जा कर सेंसर प्रमुख प्रसून जोशी और टीम ने इस फिल्म को पास कर दिया। पर शर्तें पांच गिनाई।