आज ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभालेंगे बोरिस जॉनसन, टेरीजा मे देंगी इस्तीफा
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लंदन । ब्रेक्जिट को लेकर बनी अनिश्चितता के बीच बोरिस जॉनसन को ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री चुन लिए गए हैं। बोरिस जॉनसन आज से अपना कार्यभार संभालेंगे। बोरिस बुधवार को आधिकारिक रूप से प्रधानमंत्री का पद संभालेंगे। सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव में जॉनसन ने अपने प्रतिद्वंदी जेरेमी हंट को बड़े अंतर से हरा दिया। बता दें कि ब्रिटेन में सत्तारूढ़ पार्टी का मुखिया ही प्रधानमंत्री बनता है। लंदन के मेयर और विदेश मंत्री रह चुके बोरिस को 92,153 वोट मिले थे। वहीं विदेश मंत्री हंट की झोली में 46,656 वोट ही आए।
बता दें, ब्रेक्जिट को लेकर यूरोपीय संघ (ईयू) से कोई भी समझौता कराने में असफल रही टेरीजा मे ने मई में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। उसके बाद कंजरवेटिव पार्टी के कई नेताओं ने पार्टी के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी। आखिरी दौर में विदेश मंत्री जेरेमी हंट और जॉनसन आमने-सामने थे।इस जीत के लिए टेरीजा मे ने जॉनसन को बधाई देते हुए कहा, ‘हम साथ मिलकर ब्रेक्जिट पर काम करेंगे। मेरी तरफ से आपको पूरा समर्थन मिलेगा।’
कैबिनेट में कई भारतवंशी भी हो सकते हैं शामिल
टेरीजा मे बुधवार को महारानी एलिजाबेथ को अपना इस्तीफा सौंपेंगी। इसके बाद परंपरा के अनुसार, महारानी जॉनसन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगी। बुधवार शाम को जॉनसन प्रधानमंत्री के तौर पर अपना पहला भाषण देंगे और गुरुवार को कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करेंगे। माना जा रहा है कि उनके मंत्रिमंडल में ब्रेक्जिट समर्थकों के साथ ही भारतवंशी प्रीति पटेल और ऋषि सुनक को भी जगह मिल सकती है।
ब्रेक्जिट पर फिर जताई प्रतिबद्धता
चुनाव जीतने के बाद जॉनसन ने ब्रेक्जिट पर फिर अपनी प्रतिबद्धता जताई है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, ‘हम देश में नई ऊर्जा भरेंगे। 31 अक्टूबर तक ब्रेक्जिट की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। हम इस बदलाव के बाद सामने आने वाले मौके का फायदा उठाने को तैयार हैं।’ ब्रेक्जिट के धुर समर्थक रहे जॉनसन पहले भी हर हाल में ब्रेक्जिट की बात कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि समझौता हो या ना हो 31 अक्टबूर को ब्रिटेन ईयू से अलग हो जाएगा। उनके इस बयान की काफी आलोचना हुई थी। मंगलवार को यूरोपीय आयोग के उपप्रमुख फ्रैंस टिमरमेंस ने भी बिना किसी समझौते के होने वाले ब्रेक्जिट (नो डील ब्रेक्जिट) को सबके लिए घातक बताया है।