देश भर में मर्यादा में मनाया गया मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्मोत्सव
अयोध्या । आनन्द संवत्सर-२०७८ वि.सं. के प्रथम माह चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि अर्थात् आज बुधवार को जन-जन के आराध्य श्रीरामचन्द्र समेत उनके तीनों भाईयों भरतलाल, शत्रुघ्न व लक्ष्मण का जन्मदिवस है। मान्यता है कि आज मध्यदिवस के समय समस्त लोकों के नर-नारी, देव, गन्धर्व-नाग-किन्नर, ग्रह-नक्षत्र, तीर्थ-नदियाँ यहाँ तक कि स्वयं प्रयागराज भी एकमात्र श्रीधाम अयोध्या जी के उत्तर दिशा में ही विचरण करने वाली सरयू जी में स्नान कर स्वयं को धन्य मानते हैं। सदियों की परम्परानुसार, अयोध्या जी समेत विश्व भर में श्रीराम का जन्मोत्सव भक्त बड़े उत्साह से मनाते हैं।
पुन: मन्दिर निर्माण हेतु भूमिपूजन के पश्चात्, गत पाँच सौ वर्षों से धार्मिक उत्पीड़न का बोझ झेलती आ रही अयोध्या नगरी में इस बार श्रीराम का प्रथम जन्मदिवस है। परन्तु, वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण इस वर्ष ऐसा प्रतीत हुआ कि जैसे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने अपना जन्मोत्सव मर्यादित रहते हुए, शालीनता से मनाया हो। अयोध्या की सीमाएँ पूर्व में ही बाहरी व्यक्तियों हेतु बन्द कर दी गईं। मन्दिरों में प्रवेश वर्जित कर दिया गया तथा अयोध्या के लगभग सात हज़ार से अधिक मन्दिरों में भक्तों ने कम से कम संख्या में कोरोना मसौदे का पालन करते हुए श्रीराम जन्मोत्सव मनाया। इसके साथ ही, सरयू जी में स्नान करने पर भी प्रशासन की रोक रही।
गत वर्ष इस समय लॉक्डाउन के कारण श्रद्धालु अयोध्या नहीं जा पाए थे और इस वर्ष श्रद्धालुगण स्व-विवेक से ही श्रीराम जन्म मनाने अयोध्या नहीं गए। करोड़ों भक्तों ने जन्मोत्सव निज-निज घर में रह कर सहजता से मनाया। श्रीराम स्वयं मर्यादा की मूर्ति हैं, तो उनके भक्त मर्यादा कैसे भूल सकते हैं। जहाँ पूरा देश कोविड-१९ के प्रकोप से जूझ रहा है, वहाँ हम भीड़ में एकत्रित होकर उत्सव कैसे मना सकते हैं। समस्त जन-मानस को ईख़बर मीडिया की ओर से श्रीराम जन्म की बधाई! यथासम्भव, घर पर रहें, सुरक्षित रहें! महामारी से बचने हेतु सरकार द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें!
स्वतन्त्र पत्रकार अनुज पाण्डेय