भोपाल गैंगरेप: 36 दिनों में मिला न्याय, मौत तक जेल में रहेंगे सभी आरोपी
भोपाल। हबीबगंज रेलवे स्टेशन के पास यूपीएससी की कोचिंग कर रही छात्रा से हुए गैंगरेप मामले में कोर्ट ने महज 36 दिनों में फैसला सुनाकर इतिहास रचा है। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने चारो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। साथ ही जुर्माना भी लगाया है।
खास बात ये है कि इस मामले में 17 नवम्बर को भोपाल पुलिस ने अदालत में चालान पेश किया था। 23 दिसम्बर को कोर्ट ने सभी आरोपियों की सजा मुकर्रर कर दी। भोपाल गैंगरेप मामले में विशेष न्यायाधीश सविता दुबे ने फैसला सुनाते हुए आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। इस सजा के तहत आरोपियों को प्राकृतिक मौत तक जेल में ही रहना होगा।
गौरतलब है कि 31 अक्टूबर की शाम हुई वारदात के बाद थानों के सीमा विवाद के चलते मामला दर्ज करने में देरी हुई थी। जिसके बाद इस मामले को लेकर काफी सियासत हुई थी और भोपाल पुलिस के साथ सरकार की भी किरकिरी हुई थी। इस मामले में एसआईटी गठित कर आरोपियों की धरपकड़ की गयी थी और 17 नवम्बर को चालान पेश किया गया था। 21 नवम्बर को कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई थी और 5 दिसम्बर तक इस मामले में गवाहों के बयान दर्ज हुए थे। इस मामले में कुल 28 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे। आज इस मामले में फैसला सुनाया गया है।
इस मामले में सरकार की तरफ से पैरवी कर रही वकील रीना वर्मा ने बताया है कि भोपाल गैंगरेप मामले में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 341, 342, 376 डी (2), 376 एम, 376 एन आईपीसी के तहत दर्ज किया गया था।
इस मामले में रमेश उर्फ राजू मेहरा, गोलू उर्फ बिहारी, अमर उर्फ गुल्टू और राजेश उर्फ चेतराम चार आरोपी थे। उन्होंने बताया कि इस मामले में डिंफेस की वकील ने भी सहयोग किया और गवाहों के बयान दर्ज कराने में कोई देरी या लेटलतीफी नहीं की गयी, बल्कि एक दिन में 4 गवाहों के बयान तक दर्ज किए गए। वकील रीना वर्मा का दावा है कि चालान पेश होने के महज 36 दिनों में पहली बार किसी रेप केस में सजा सुनाई गयी है।