अशोक डिंडा: रणदेव मेरे जीवन में कोरोना वायरस की तरह है
भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज अशोक डिंडा ने लंबे समय तक बंगाल रणजी टीम की तरफ से खेलने के बाद अब उससे अलग होने का फैसला लिया है।डिंडा ने बातचीत में कहा, “रणदेव मेरे जीवन में कोरोना वायरस की तरह है। उसके कारण मुझे बंगाल टीम छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। मैंने पहले ही कहा था कि रणदेव अगर टीम के गेंदबाजी कोच बने रहेंगे तो मैं बंगाल के लिए आगे नहीं खेलूंगा। यहां कोच के साथ तो अनुबंध होता है लेकिन क्रिकेटरों के साथ अब अनुबंध नहीं होता इसलिए मैंने बंगाल छोड़ने का फैसला किया। तेज गेंदबाज टीम छोड़ने के लिए गेंदबाजी कोच रणदेव बसु को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने साफ किया कि वो अभी इस टीम को अपनी और सेवा देना चाहते थे लेकिन उनको अलग होने पर मजबूर किया गया।
डिंडा और रणदेव के बीच का विवाद जगजाहिर है। इस बारे में डिंडा ने कहा, “मैं हमेशा स्पष्ट बोलता हूं। कानाफूसी नहीं करता। किसी की पीठ के पीछे बात करना मेरा स्वभाव नहीं है। अन्याय होते देख मैंने उसका विरोध किया। मैंने बंगाल को अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है। नए गेंदबाजों का मार्गदर्शन किया। मैंने वही किया, जो मुझे लगा कि सही है। मैंने अब एक और चुनौती ली है।”
डिंडा ने अनापत्ति प्रमाणपत्र के लिए बंगाल क्रिकेट संघ के पास आवेदन कर दिया है।उत्पल चटर्जी के बाद बंगाल के लिए दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले डिंडा ने आगे कहा, “मुझमे अभी भी काफी क्रिकेट बाकी है। मैं एक या दो और सत्रों के लिए क्रिकेट खेलूंगा। कई राज्यों से प्रस्ताव हैं। मैं गोवा, छत्तीसगढ़, ओड़िशा और असम में से किसी एक के लिए खेलूंगा। इस बार तनाव-मुक्त होकर क्रिकेट खेल सकूंगा।”
एक दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि उनके साथ दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के साथ किया गया व्यवहार हो रहा है। डिंडा ने यह भी साफ किया था कि वो मानसिक तौर पर काफी मजबूत हैं इसलिए परिस्थिति से हार नहीं मानेंगे।