पीएम क्यों नहीं करते प्रेस कांफ्रेंस, अमित शाह बोले- इसका जवाब संबित पात्रा देंगे
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सामान्य तौर पर बड़े सवालों के जवाब के लिए किसी पार्टी के शीर्ष नेता खुद को आगे कर लेते हैं लेकिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इसका जवाब उनकी पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा देंगे। यह वाकया तब हुआ जब प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक पत्रकार ने उनसे राहुल गांधी के एक बयान के हवाले से पूछ लिया कि प्रधानमंत्री प्रेस कांफ्रेंस क्यों नहीं करते हैं? दरअसल शुक्रवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एक प्रेस कांफ्रेंस किया। इस प्रेसवार्ता के दौरान एक पत्रकार ने उनसे सवाल किया कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा पत्रकारों से बातचीत न करने पर सवाल उठा रहे हैं, इस पर उनका क्या कहना है।
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने न सिर्फ इस सवाल को नजरअंदाज कर दिया, बल्कि यह भी कह दिया कि इस सवाल का जवाब खुद वे नहीं बल्कि उनकी पार्टी के एक प्रवक्ता संबित पात्रा देंगे। इस तरह एक तरीके से उन्होंने राहुल गांधी के सवालों के जवाब के लिए एक प्रवक्ता स्तर के नेता को बताकर राहुल को कमतर बताने की कोशिश भी की। इससे एक संकेत इस बात का भी मिल जाता है कि पीएम मोदी आने वाले दिनों में पत्रकारों से रूबरू होने नहीं जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों के लिए जाने जाते हैं। चुनावी रैलियों के अलावा भी अनेक कार्यक्रमों में वे लगातार अपनी बात रखते ही रहते हैं। हर महीने रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिये भी वे लोगों तक अपनी बात पहुंचाते रहते हैं। लेकिन अब तक के कार्यकाल में वे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माने जाने वाले मीडिया से सीधे रूबरू नहीं हुए हैं।
कुछ मीडिया हाउस से उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर साक्षात्कार अवश्य दिया है, लेकिन सामान्य स्तर पर प्रेस कांफ्रेंस कभी नहीं किया जहां खुले सवालों का सामना करना पड़ता है। अगर बाकी के लगभग पांच महीने के कार्यकाल में वे कोई प्रेस कांफ्रेंस नहीं करते तो संभवत: वे देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री होंगे जो बिना पत्रकारों से सीधा संवाद किये अपना टर्म पूरा करेंगे। सवाल यह है कि क्या खुद को ‘लोकतंत्र का चौकीदार’ कहने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा करना पसंद करेंगे?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसकों और भाजपा नेताओं का कहना है कि प्रेस कांफ्रेंस के जरिये अपनी बात जनता तक पहुंचाई जाती है। प्रधानमंत्री यही काम ‘मन की बात’ और नरेंद्र मोदी एप्प के जरिये लगातार करते रहते हैं।
एप्प के माध्यम से लोग उनसे संपर्क करते हैं, किसी मुद्दे पर अपनी राय रखते हैं और सवाल भी पूछते हैं। इसलिए औपचारिक प्रेस कांफ्रेंस की कोई विशेष आवश्यकता नहीं समझी जा सकती। लेकिन प्रेस कांफ्रेंस में जनहित से जुड़े तीखे सवाल भी पूछे जाते हैं जो ‘मन की बात’ या ‘एप्प’ के जरिये नहीं पूछे जा सकते। यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब भाजपा नेताओं के पास भी नहीं है।