नवरात्र में आलू खाना पड़ेगा महंगा, आम आदमी पर महंगाई की मार! 50 रुपये के पार पहुंचे दाम
कोरोना महामारी के बीच आम आदमी की मुश्किलें रोजाना बढ़ती जा रही है. नवरात्र के कारण दाम में आगे और इजाफा होने की संभावना है. आलू के दाम में बढ़ोतरी की मुख्य वजह आवक में कमी है.बीते कुछ दिनों में आलू के दाम बढ़कर 50 रुपये के पार पहुंच गए है. कारोबारियों का कहना है कि मंडी में 30 रुपए किलो मिलने वाले आलू की कीमत अभी 50 से 55 रुपए तक पहुंच गई है. आलू के साथ-साथ प्याज भी महंगी हुई है. प्याज की कीमत इस समय खुदरा में 60 रुपए किलो है. वहीं, थोक में इसकी कीमत 20-25 रुपए है. वहीं, टमाटर की बात की जाय तो टमाटर की कीमतों में नरमी देखने को मिली है. 80 रुपए तक मिलने वाला टमाटर इस वक्त 40-50 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है.
क्यों महंगे हुए आलू-कारोबारी बताते हैं कि आलू की आवक पिछले साल से आधी हो गई है. इसीलिए कीमतों में तेजी आई है. इस साल कोरोना वायरस महामारी, बारिश और फिर बाढ के चलते बुआई और सप्लाई दोनों ही प्रभावित हुई है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में बीते कुछ दिनों से आलू का थोक भाव 25 से 35 रुपए प्रति किलो चल रहा है. वहीं, ये दाम पहले 15-20 रुपये प्रति किलोग्राम हुए थे. इसी वजह से रिटेल में भाव (आम लोगों को मिलने वाले दाम) 50-55 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए हैं. वहीं, कुछ खास क्वालिटी के आलू का दाम तो 60 तक भी पहुंच गया है.
क्या नवरात्र में भी बढ़ेंगे दाम- आजादपुर मंडी पोटेटो ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन यानी पोमा के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा ने न्यूज18हिंदी को बताया कि आमतौर पर नवरात्र के दौरान आलू की डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे में कीमतों के और बढ़ने की आशंका है. आपको बता दें कि इस साल नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू हो रहे है और 25 अक्टूबर को दशहरे का त्योहार है जिसके साथ ही नवरात्र समाप्त हो जाएगा. इस दौरान आलू की कीमत में इजाफा होने की संभावना है.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा जारी दूसरे अग्रिम उत्पादन के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019-20 के दौरान देश में आलू का उत्पादन 513 लाख टन हुआ, जबकि एक साल पहले 2018-19 में देश में आलू का उत्पादन 501.90 लाख टन हुआ था.रबी सीजन में आमतौर पर आलू की बुवाई सितंबर के आखिर में शुरू होती है और नवंबर तक चलती है, जबकि हार्वेस्टिंग दिसंबर से मार्च तक चलती है.