वंदे भारत के तहत केंद्र सरकार द्वारा इतिहास में पहली बार 109 ट्रेनों का प्राइवेटाइजेशन
इतिहास में पहली बार केंद्र सरकार द्वारा प्राइवेट हाथों में जाएंगी 109 ट्रेनें ( वंदे भारत )से हुई थी प्राइवेटाइजेशन की शुरुआत |अब भारतीय रेल प्राइवेट हो चली कमजोर वर्गों का आरक्षण जाएगा और हर भारतीय गरीबों का पैसा ज्यादा जाएगा गरीबों का मसीहा भारतीय रेल को माना जाता था माना जाता है | अब यह रेल को प्राइवेटाइजेशन करके भारतीय आम जनता को तकलीफ देने का कार्य शुरू हो चुका है | लालू प्रसाद यादवजी ने रेल मंत्री रहते हुए एक दशक पूर्व ही पड़ा गए थे पर जो देश बेचने ही चले उनको क्या बोल सकते यह केंद्र सरकार की सबसे बड़ी नाकामी साबित हो रही है | जब 35 वर्ष के लिए निजी कंपनी को ट्रेनें चलाने दी जाएगी तो भारतीय आम जनता की जेब पर भारी मात्रा में यह नुकसान 35 वर्षों तक यह भुगतान भुगतना पड़ेगा |
• यह प्राइवेटाइजेशन की कुछ शर्तें भारत सरकार द्वारा है
•• 35 साल के लिए कंपनी को दिए जाएंगे ट्रेनें चलाने का अधिकार |
• 160 किलोमीटर की स्पीड से चलानी पड़ेगी ट्रेन |
आईआरसीटीसी द्वारा वंदे भारत ट्रेन शुरू करने के बाद केंद्र सरकार के इतिहास में परिचालन पूरी तरह निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया गया इस हेतु ट्रेनों का रखरखाव निजी कंपनी का ही होगा जबकि ड्राइवर और गार्ड रेलवे बोर्ड केही रहेंगे |यह ट्रेनों की रफ्तार सबसे तेज चलने वाली ट्रेनों के बराबर रहेगी |
अक्षय यादव रिपोर्टर Ekhabar