महायुद्ध की तैयारी में था अमेरिका, जानें- ईरान के एक संदेश से कैसे बच गए अमेरिकी सैनिक
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ईरानी कंमाडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसी के एक संदेश से व्हाइट हाउस में सनसनी फैल गई। इसके बाद देखते ही देखते ट्रंप का व्हाइट हाउस एक वार रूम में तब्दील हो गया। इसके बाद ईरानी हमले से निपटने की अमेरिका एक महायुद्ध की रणनीति बनाने में जुट गया। आनन-फानन में व्हाइट हाउस से अमेरिकी सैन्य ठिकानों के लिए संदेश जारी किए गए। लेकिन इसी वक्त एक खुफिया सूचना से व्हाइट हाउस ने राहत की सांस ली। आदि-अादि। हम उन तमाम जानकारियों को साझा करेंगे जो आम तौर पर खबरों की सुर्खियां नहीं बनीं।
अलर्ट संदेश के तीन 3 घंटे बाद ईरान ने मिसाइल हमला किया
दोपहर के 2 बजे थे। व्हाइट हाउस में एक अलर्ट संदेश प्राप्त हुआ। यह अमेरिकी जासूस एजेंसियों का फ्लैश संदेश था। इसे अमेरिकी सुरक्षा भाषा में ‘स्क्वाक’ कहते हैं। इस संदेश में यह चेतावनी जारी की गई थी कि अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर ईरानी हमला निश्चित है। इस संदेश से राष्ट्रपति भवन और पेंटागन में हड़कंप मच गया। इस फ्लैश में यह संदेश था कि ईरान मध्य पूर्व में मिसाइल और रॉकेटों के साथ हमले की योजना बना रहा है। इसमें आगे कहा गया था कि ईरान समर्थित सैकड़ों लड़ाके इराक के अल असद एयरबेस पर हमला करने की कोशिश में हैं। संदेश मिलते ही इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों के लिए प्रारंभिक चेतावनी जारी कर दी गई।
ईरानी नेताओं ने संयम बरतने की अपील की थी
अमेरिकी वार रूम में ईरानी हमलों के बीच एक राहत भरी खबर मिली। इस खबर ने राष्ट्रपति ट्रंप ने राहत की सांस ली। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने यह जानकारी दी थी ईरान ने अपने मिलिशिया को यह संदेश दिया था कि वह अमेरिकी सैन्य ठिकानों और नागरिकों को निशाना न बनाए। इस जानकारी से अमेरिका ने राहत की सांस ली। अमेरिकी अधिकारियों ने स्वीकार किया कि ईरान के मिसाइल हमले में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को बड़ा नुकसान हो सकता था। लेकिन ईरान के नेताओं ने मिसाइल हमले की योजना में संयम से काम लिया।
मौत के मुंह में 1000 अमेरिकी सैनिक, महायुद्ध की तैयारी में था अमेरिका
संदेश के तीन घंटे बाद ईरानी मिसाइलों को एक झुंड इराक के दो ठिकानों पर गिरा। इसमें ऐन अल असद भी शामिल है। इस इलाके में करीब एक हजार सैनिक तैनात थे। ऐसा लग रहा था कि अगर इस हमले में अमेरिकी सैनिक मारे गए तो यह महायुद्ध का रूप ले सकता है। राष्ट्रपति ट्रंप अपने सैन्य योजनाकारों के साथ यह रणनीति बनाने में जुटे थे कि अगर ईरान ने अमेरिकी सैनिकों को क्षति पहुंचाया तो सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहे। कई विकल्पों पर विचार मंथन चल रहा था।
संदेश मिलते ही वार रूम में तब्दील हुआ व्हाइट हाउस
ताजा चेतावनी के बाद राष्ट्रपति ट्रंप का व्हाइट हाउस एक वार रूम में तब्दील हो गया। इसके बाद बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया। ट्रंप के साथ उपराश्ट्रपति रॉबर्ट आे ब्रायन व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार वेस्ट विंग के तहखाने में एकत्र हो गए। उस वक्त राश्ट्रपति ट्रंप यूनानी प्रधानमंत्री के साथ एक बैठक में शिरकत कर रहे थे। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन कांग्रेस के नेताओं से बात की, और कुछ ने ट्रंप से संकट को कम करने की कोशिश करने का आग्रह किया। राष्ट्रपति को सलाह देने वाले समूह में कई अनुभवी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी शामिल थे। इनमें संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले और सेना के कई अफसर शामिल थे। राष्ट्रीय खुफिया विभाग के कार्यकारी निदेशक और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार पेंस बैठक में शामिल हुए।
तारीखों में ईरान और अमेरिका तनाव
08 अप्रैल, 2019 : अमेरिका ने ईरान के प्रतिष्ठित रेवॉल्यूशनरी गार्ड को आतंकी संगठन का दर्जा दिया। कुद्स फोर्स को भी काली सूची में डाला।
12 मई : खाड़ी में अज्ञात हमले में तीन तेल टैंकर समेत चार जहाज क्षतिग्रस्त हुए। अमेरिका ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया।
25 मई : अमेरिका ने ईरान के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए पश्चिम एशिया में 1,500 अतिरिक्त सैनिक तैनात करने की बात कही।
20 जून : ईरान के रेवॉल्यूशनरी गार्ड ने अमेरिकी ड्रोन मार गिराने का दावा किया। ट्रंप ने बदले की कार्रवाई को मंजूरी देने के बाद आखिरी पलों में रोका।
24 जून : ट्रंप ने खामेनेई और ईरान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों पर कड़े वित्तीय प्रतिबंध का एलान किया।
14 सितंबर : सऊदी के दो बड़े तेल कारखानों पर हवाई हमला हुआ। यमन के ईरान समर्थित लड़ाकों ने हमले की जिम्मेदारी ली।
20 सितंबर : ट्रंप ने ईरान पर अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगाए, जिससे ईरान का केंद्रीय बैंक भी प्रभावित हो गया।
15 नवंबर : तेल की बढ़ी कीमतों के विरोध में हुए प्रदर्शनों को अमेरिकी समर्थन मिलने पर ईरान ने जताई कड़ी आपत्ति।
29 दिसंबर : अमेरिका ने इराक में ईरान समर्थक समूह पर हवाई हमला किया। कम से कम 25 लड़ाके मारे गए।
31 दिसंबर : ईरान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने बगदाद में अमेरिकी दूतावास को घेरा। ट्रंप ने ईरान को दी चेतावनी।
03 जनवरी, 2020 : अमेरिका ने ईरान के टॉप कमांडर कासिम सुलेमानी को बगदाद में ड्रोन हमले में मार गिराया। अमेरिका ने कहा कि बगदाद में अमेरिकी दूतावास को बंधक बनाने की घटना के बाद ट्रंप ने सुलेमानी को मारने का आदेश दिया था।
07 जनवरी : सुलेमानी के जनाजे में शामिल हुए रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर मेजर जनरल हुसैन सलामी ने कहा कि ईरान बदला लेगा।
08 जनवरी : ईरान ने इराक में अमेरिका के दो सैन्य बेस पर 22 मिसाइलें दागीं।