Lok Sabha Election 2019: रीति पाठक और अजय सिंह के लिए साख का सवाल बनी सीधी सीट
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मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2019 के रण में सीधी लोकसभा सीट का मुकाबला बेहद दिलचस्प है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए ही सीधी लोकसभा सीट साख का सवाल बन गई है. एक तरफ सांसद रीति पाठक इस सीट पर दूसरी बार जीतने की तैयारी कर रही हैं, तो वहीं विधानसभा चुनाव में अपनी सीट गंवा चुके अजय सिंह के लिए सीधी सीट जीतना प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है. ऐसे में इस बार सीधी लोकसभा सीट में किसकी किस्मत चमकेगी ये तो जनता ही तय करेगी.
बता दें कि सीधी लोकसभा सीट पर कभी किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा है. इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे पर हमेशा भारी साबित हुई है. बीजेपी पिछले दो बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मात दे रही है. वहीं 2019 के रण में बीजेपी हैट्रिक लगाने की तैयारी में है, वहीं कांग्रेस वापसी के लिए जोर-आजमाइश कर रही है.
मालूम हो कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की रीति पाठक ने कांग्रेस के इंद्रजीत कुमार को हराया था. तब रीति पाठक को 4 लाख 75 हजार 678 वोट मिले थे और इंद्रजीत कुमार को 3 लाख 67 हजार 632 वोट मिले थे. इस तरह करीब 1 लाख 8 हजार 46 वोट के अंतर से रीति ने जीत दर्ज की थी.
बता दें कि सीधी लोकसभा में 8 विधानसभा आती है. 8 सीटों में से 7 पर बीजेपी का कब्जा है, तो महज 1 सीट (चुरहट) पर कांग्रेस को जीत मिली है. ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी अजय सिंह अपनी परंपरागत सीट को बचाने के लिए पूरा दमखम लगा रहे हैं.
सीधी लोकसभा सीट पर जनता के कई अहम मुद्दे हैं. वहीं लोकसभा क्षेत्र में सिंगरौली में प्रदूषण सबसे बड़ा मुद्दा है. रोजगार, रेल प्रोजेक्ट की धीमी रफ्तार यहां की अलग समस्या है. इसके अलावा सड़क, पानी, बिजली का मुद्दा महत्वपूर्ण हैं.
सीधी लोकसभा क्षेत्र में 5 वर्षों में महज 20 फीसदी ही विकास कार्य हुआ है. इस बीच सांसद रीति पाठक न तो लोगों के बीच पहुंची और ना ही लोग अपने क्षेत्र के सांसद को पहचानते हैं. क्षेत्र में इस बार कांग्रेस का पलड़ा भारी नजर आ रहा है. क्योंकि रीति पाठक का क्षेत्र में जमकर विरोध हो रहा है. वहीं विधानसभा चुनाव में हार के चलते लोगों के बीच में अजय सिंह के लिए सहानुभूति भी है. अर्जुन सिंह के चलते ही सीधी को जिले की सौगात मिली थी. ऐसे में इस बार कांग्रेस बीजेपी पर भारी साबित हो सकती है, तो वहीं बीजेपी प्रत्याशी रीति पाठक के लिए 2019 की डगर कांटों से भरी नजर आ रही है.