जगद्गुरु शंकराचार्य ने साध्वी प्रज्ञा को दी नसीहत, अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल ठीक नहीं
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मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा के विवादित बयानों से उठे सियासी तूफ़ान के बाद प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. इसी क्रम में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का भी बयान सामने आया है. उन्होंने साध्वी प्रज्ञा को नसीहत दे की अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल ठीक नहीं है.
दरअसल, भोपाल में अपने नामांकन के लिए दिग्विजय सिंह शंकराचार्य से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे. इसके बाद शंकराचार्य ने साध्वी प्रज्ञा के बयानों पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि संतो को अमर्यादित शब्द या भाषा का इस्तेमाल करना ठीक नहीं है. उन्होंने दिग्विजय सिंह के खिलाफ की गई टिप्पणियों को संत की मर्यादाओं के विपरीत बताया.
शंकराचार्य ने कहा कि हेमंत करकरे पर बयान अनुचित है. ये बयान शहीदों का अपमान है. देश के प्रति उनकी मनोवृत्ति नहीं है. कहा कि अगर महिषासुर मर्दनी हैं तो दिग्विजय सिंह को भी श्राप देकर मार दीजिए. पर्चा ही ना भर पाएं. न्होंने यह भी कहा कि चुनाव में गाली गलौज नहीं होना चाहिए. महिषासुर जैसी भाषा का चुनाव लोकतंत्र का सूचक नहीं.
वहीं शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि दिग्विजय सिंह की भक्ति है, जो सच्चे हृदय से आता है उसकी मनोकामना पूरी होती है. साध्वी साधु होते है उनके नाम के आगे गिरि, पुरी, सागर लगता है ठाकुर नहीं.