बिग बास्केट की वैल्यू 16000 करोड़ रु. हुई, इस हफ्ते यूनिकॉर्न क्लब में आने वाला दूसरा स्टार्टअप
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इस हफ्ते दो भारतीय स्टार्टअप यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो गए हैं। यूनिकॉर्न उन कंपनियों को कहा जाता है जिनकी वैल्यू कम से कम 100 करोड़ डॉलर (7 हजार करोड़ रुपए) हो। सोमवार को डेल्हीवरी ने 2,900 करोड़ रुपए जुटाने की घोषणा की थी। इसके बाद कंपनी का वैल्यूएशन करीब 10,500 करोड़ रुपए आंका गया था। शुक्रवार को ऑनलाइन ऑर्डर लेकर किराना सामान डिलीवर करने वाली बिग बास्केट में 15 करोड़ डॉलर (1 हजार करोड़ रुपए) के इन्वेस्टमेंट की खबर आई। उसकी वैल्यू 228 करोड़ डॉलर (16 हजार करोड़ रुपए) आंकी गई है।
बिग बास्केट में नए राउंड में चाइनीज कंपनी अलीबाबा, दक्षिण कोरिया की मिराय एसेट और ब्रिटिश सरकार से संबंधित सीडीसी ग्रुप ने पैसा लगाया है। अलीबाबा पहले भी इसमें निवेश कर चुकी है। मिराय एसेट ने 6 करोड़ डॉलर (415 करोड़ रुपए), अलीबाबा ने 5 करोड़ डॉलर (346 करोड़ रुपए) और सीडीसी ने 4 करोड़ डॉलर (276 करोड़ रुपए) लगाए हैं।
बिग बास्केट के मुताबिक हेलियन वेंचर्स पार्टनर्स, बेसेमर वेंचर पार्टनर्स और इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्प को भी उसके निवेशक हैं। इसी महीने ऑनलाइन किराना डिलीवरी कंपनी ग्रोफर्स में सॉफ्टबैंक ने 60 करोड़ डॉलर (415 करोड़ रुपए) लगाए थे। अमेजन और फ्लिपकार्ट भी अपने किराना सेगमेंट को बढ़ाकर दोगुना कर रही हैं। इससे आने वाले समय में किराना डिलिवरी में कॉम्पिटीशन काफी बढ़ जाएगा।
लगातार निवेश से साल भर में बिग बास्केट की वैल्यू 140% बढ़ी
हरि मेनन, वीएस सुधाकर, विपुर पारेख, अभिनय चौधरी और वीएस रमेश ने मिलकर 2011 में कंपनी शुरू की।
बिग बास्केट अभी देश के 32 शहरों में किराना सामान डिलीवर करती है। इस सेगमेंट में यह भारत की सबसे बड़ी कंपनी है।
पिछले साल कंपनी ने सेल्स में 2 हजार करोड़ रुपए का आंकड़ा छुआ। 2019 में इसका लक्ष्य 3,500 करोड़ रुपए का है।
फरवरी 2018 में फंडिंग के दौरान बिग बास्केट की कीमत 6,600 करोड़ रु. आंकी गई थी। साल भर में वैलुएशन 140% बढ़ी है।