ट्र्रंप की 5.7 अरब डॉलर की जिद बन गई है अमेरिका के गले की फांस, जानें क्या है पूरा मामला

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) अब नए विवाद में हैं। इस बार विवाद की वजह अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर उनकी दीवार खड़ी करने की जिद बनी है। इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं बल्कि देश के अंदर भी ट्रंप को काफी विरोध का सामना करना पड़ रहा है, बावजूद राष्ट्रपति अपने फैसले से टस से मस होने को तैयार नहीं हैं। जानें क्या है अमेरिकन-मेक्सिन वॉल का पूरा विवाद और क्यों जिद पर अड़े हैं अमेरिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप?
चुनावी वादा था दीवार
यूएस-मेक्सिको वॉल को लेकर डोनाल्ड ट्रंप पहले ही साफ कर चुके हैं कि वह इस मुद्दे पर किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेंगे। दरअसल अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर दीवार खड़ी करने का उनका ये फैसला, 2016 के उनके चुनावी वादे में शामिल था। ट्रंप ने मंगलवार को इस संबंध में एक ट्वीट भी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि डेमोक्रेट्स (विपक्षी दल) कंक्रीट वॉल बनाने को तैयार नहीं है। वह इसकी जगह फेंसिंग के लिए कह रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि दीवार में हम एक खास तरीके से डिजाइन किये गये स्टील स्लेट का इस्तेमाल करेंगे, जिससे दीवार के आरपार देखा जा सकेगा। ये दीवार खूबसूरत होने के साथ-साथ अमेरिका की सीमाओं को सुरक्षित भी करेगी।
ट्रंप के फैसले पर सहमत नहीं डेमोक्रेट्स
US-मेक्सिको सीमा पर दीवार खड़ी करने संबंधी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से विपक्षी दल डेमोक्रेट्स सहमत नहीं है। ट्रंप की रिपब्लिकंस ने गुरुवार को फंडिंग बिल पास कर दिया था। इसके बाद शुक्रवार (28-दिसंबर-2018) को सीनेट में इसके लिए वोटिंग हुई, जिसमें डेमोक्रेट्स ने सरकार का साथ नहीं दिया। डेमोक्रेट्स ये फंड जारी करने को तैयार नहीं है। दरअसल डेमोक्रेट्स मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने की जगह फेंसिंग बनाने को कह रहे हैं। ट्रंप को मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने के लिए 5.7 अरब डॉलर (लगभग 40,000 करोड़ रुपये) के फंड की जरूरत है। ट्रंप ने जनवरी-2017 में यूएस-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने के लिए एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किया था।
इसलिए अमेरिका में हुआ शटडाउन
डेमोक्रेट्स के रुख पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अगर दीवार के लिए फंड जारी नहीं किया गया तो वह भी बजट पर साइन नहीं करेंगे। शुक्रवार (28-दिसंबर-2018) को ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि फंड जारी न होने पर उनकी सरकार शटडाउन करेगी। इसके बाद शुक्रवार मध्य रात्रि से शटडाउन हो गया था। इससे कई महत्वपूर्ण एजेंसियों का काम प्रभावित हुआ था। इसके पहले भी ट्रंप कह चुके हैं कि वह बॉर्डर सिक्योरिटी के लिए अपनी सरकार के शटडाउन के लिए भी तैयार हैं।
अमेरिका ने शरणार्थियों पर दागे आंसू गैस
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस रुख के बाद नववर्ष पर एक जनवरी की रात अमेरिका ने मेक्सिको के तिजुआना सीमा पर आंसू गैस के गोले दागे। अमेरिकी सीमा सुरक्षा बलों ने ऐसा घुसपैठ की कोशिश कर रहे शरणार्थियों को रोकने के लिए किया था। बताया जा रहा है कि नववर्ष की रात तकरीबन 150 शरणार्थी मेक्सिको सीमा पर फेंसिंग पार कर अमेरिका में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे थे। आंसू गैस के गोले दागने पर जवाब में घुसपैठियों की तरफ से पथराव भी किया गया। इस दौरान घुसपैठ कर रहे 25 शरणार्थियों को हिरासत में भी लिया गया, जबकि अन्य मेक्सिको में वापस लौट गए।
मेक्सिको संग कारोबार रोकने की भी चेतावनी
मालूम हो कि मेक्सिको के रास्ते अमेरिका में बड़े पैमाने पर घुसपैठ हो रही है। अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों का अनुमान है कि हजारों शरणार्थी मेक्सिको के रास्ते अमेरिका में घुसपैठ करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए चेतावनी दी थी कि अगर शरणार्थियों के चलते अशांति होती है तो वह मेक्सिको के साथ कारोबार पर रोक लगा देंगे। साथ ही अमेरिका-मेक्सिको सीमा को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। शरणार्थियों को रोकने के लिए ट्रंप ने सैनिकों को जरूरत पड़ने पर बल प्रयोग करने का भी आदेश दिया है। इतना ही नहीं अमेरिका मेक्सिको सीमा के एक व्यस्त क्रॉसिंग को बैरियर लगाकर बंद भी कर चुका है।
क्या कहते हैं शरणार्थी
ट्रंप के प्रतिबंध के बावजूद लैटिन अमेरिकी देशों अल सल्वाडोर, ग्वाटेमाला और होंडूरास से हजारों शरणार्थी लगभग चार हजार किलोमीटर की यात्रा कर अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर पहुंच चुके हैं। इनका कहना है कि वह अपने देश में शोषण, गरीबी और हिंसा के चलते पलायन करने को मजबूर हैं। उधर ट्रंप ने इन्हें रोकने के लिए सीमा पर 5800 सैनिकों को तैनात कर दिया है।