जानिए आखिर लक्ष्मण ने विराट से किस सपने को पूरा करने की बात कही
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भारतीय टीम इस समय ऑस्ट्रेलिया में चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-1 से आगे है। 71 साल में पहली बार टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीत सकती है। अगर विराट की टीम तीन जनवरी से सिडनी में होने वाले सीरीज के चौथे और आखिरी मुकाबले को ड्रॉ भी करा लेती है तो उसे यह इतिहास रचने से कोई नहीं रोक पाएगा। भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण का भी ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने का सपना था, लेकिन वह पूरा नहीं हो सका। उन्हें विराट की टीम से इस सपने को पूरा करने की पूरी उम्मीद है। हाल ही में अभिषेक त्रिपाठी ने वीवीएस लक्ष्मण से बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश-
-एक समय भारतीय टीम में आप, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली जैसे दिग्गज थे, लेकिन टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज नहीं जीत सकी। क्या विराट की टीम यह कर सकती है?
-मैं बचपन से ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने का सपना देखता था। मैंने वहां खेला भी, लेकिन हम जीत नहीं सके। विराट की टीम में वह माद्दा है और मुझे पूरी उम्मीद है कि वह ऐसा करेंगे। जहां तक एक बल्लेबाज की बात है तो विराट का आक्रमण उनकी ताकत है। हर खिलाड़ी अपने स्वभाविक खेल के साथ नहीं खेलेगा तो वह सफल नहीं हो सकता है। विराट में मुझे वह आक्रमण, सकारात्मकता और जुनून नजर आया है। मैं यही उम्मीद करता हूं कि यह वह बरकरार रखें, क्योंकि यह उनकी ताकत हैं। दूसरी बात कि वह बतौर बल्लेबाज अपनी काबिलियत दिखा चुके हैं। हर देश में जाकर स्कोर कर रहे हैं। हर प्रारूप में सफल हुए हैं और जिस अंदाज में वह खेलते हैं उसे देखकर बहुत मजा आता है। बतौर कप्तान उनके लिए यह बहुत बड़ा मौका है, क्योंकि अब तक कोई भी भारतीय कप्तान वहां सीरीज जीता नहीं है। यह ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराने वाली पहली भारतीय टीम बन सकती है। टीम की गेंदबाजी में क्षमता है और बल्लेबाजी में वह गहराई है जिसके दम पर वे जीत सकते हैं। दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड दौरे पर गई भारतीय टीम मेजबान टीमों से बेहतर थी, लेकिन हम मौके का फायदा नहीं उठा सके थे।
-ऑस्ट्रेलिया के दो शीर्ष बल्लेबाज स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर गए तो यह हालत हो गई, जबकि भारतीय टीम ने सचिन, द्रविड़, वीवीएस, गांगुली और कुंबले के जाने के बाद भी खुद को खड़ा रखा। क्या अंतर देखते हैं आप?
-जी हां, सबको पता है कि ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है और काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। एक चीज जरूर बोलूंगा कि बीसीसीआइ की संरचना बहुत बढि़या है। प्रथम श्रेणी क्रिकेट, आयु वर्ग क्रिकेट, इंडिया-ए की बात करें तो ये टीमें राहुल द्रविड़ की कोचिंग में खेल रही हैं। आइपीएल की बात करें तो उससे बहुत फायदा मिल रहा है। भारत की बेंच स्ट्रेंथ काफी मजबूत है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में वह देखने को नहीं मिल रहा है। ऐसा लग रहा है कि तीन खिलाड़ी नहीं, बल्कि पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम को निलंबित किया गया है।
-सचिन की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर आपको टेस्ट टीम में शामिल किया गया था, लेकिन अच्छे प्रदर्शन के कारण आपको वनडे टीम के साथ रुकने के लिए कहा गया। वहां पर बल्लेबाजी के लिए क्या कला आनी चाहिए?
-ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मैंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला शतक जड़ा था। मैंने अच्छे गेंदबाजों और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में वह शतक बनाया था। इस वजह से ही मेरा वनडे टीम में चयन हुआ था। ऑस्ट्रेलिया में अगर आपको अच्छा प्रदर्शन करना है तो इसके लिए दो चीजें अहम हैं, पहला, उछाल और तेजी को अच्छे से समझना। ऑस्ट्रेलिया में गेंदबाजों को अतरिक्त उछाल मिलती है और भारत की अपेक्षा वहां ज्यादा रफ्तार से गेंद आती है। अगर इन चीजों पर आप ध्यान देंगे तो बतौर बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया में तकनीकी रूप से सफल होंगे और रन बना सकेंगे। दूसरी चीज है सकारात्मक मानसिकता। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज हमेशा आपका विकेट लेने की कोशिश करते हैं। उनकी गेंदबाजी में वह आक्रमण हमेशा नजर आता है। उनकी शारीरिक भाषा हमेशा आक्रामक रही है, इसलिए अगर आप भी सकारात्मक हैं तो रन खुद-ब-खुद आपके खाते में आते चले जाएंगे। आपकी मानसिकता हमेशा सकारात्मक होनी चाहिए और खुद पर विश्वास होना चाहिए, क्योंकि जब गेंद तेजी से अंदर आती है तो आपको सकारात्मक रूप से तैयार रहना होगा। यानी तकनीक और मानसिकता में बदलाव बहुत जरूरी हैं और यह दोनों चीजें आप अगर कर सकते हैं तो ऑस्ट्रेलिया में भी रन बना सकते हैं।
-भारतीय ओपनर के तौर पर शिखर धवन के भविष्य को कैसे देखते हैं?
-देखिए, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज में शिखर धवन ने बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया। मैं शिखर के बारे में एक ही बात कहूंगा कि वह एक जबरदस्त बल्लेबाज हैं। सफेद गेंद (सीमित ओवर) के क्रिकेट में उनका योगदान ज्यादा अहम है। सीमित ओवरों के क्रिकेट के आधार पर 2019 विश्व कप के लिहाज से शिखर एक दिग्गज बल्लेबाज हैं। अगर भारत को विश्व कप जीतना है तो बतौर ओपनर उनकी और रोहित शर्मा की साझेदारी काफी अहम होगी। शिखर को मेहनत करते रहना चाहिए और नियमित अच्छा प्रदर्शन करते रहना चाहिए। जब भी उन्हें टेस्ट क्रिकेट में मौका मिले तो उन्हें फायदा उठाना चाहिए, लेकिन फिलहाल उन्हें वनडे क्रिकेट के ऊपर ज्यादा ध्यान देना चाहिए, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद कोई टेस्ट सीरीज नहीं है। इसके बाद भारतीय टीम को केवल वनडे और टी-20 खेलने हैं। फिर आइपीएल के बाद विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट का आयोजन होना है। वनडे क्रिकेट में वह कैसे अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं, उन्हें उसके बारे में ज्यादा सोचना है।
-इस साल भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड भी गई, जहां हमारे जीतने के मौके थे, लेकिन अफ्रीका में हमने पहले दो टेस्ट से रहाणे को बाहर कर दिया। इंग्लैंड में पहले टेस्ट से पुजारा को बाहर कर दिया। क्या आपको लगता है कि टीम चयन एक समस्या रही है?
-देखिए, मेरा मानना है कि आप अगर किसी का चयन करते हैं तो आपको उसके ऊपर विश्वास जताना चाहिए। आप विश्वास तभी जता सकते हैं जब आप उसको लगातार मौके देंगे। एक खराब मैच या प्रदर्शन के बाद अगर आप किसी को हटा देंगे तो मुझे लगता है कि इससे ना तो उस खिलाड़ी को फायदा होगा और ना ही टीम को होगा। मेरा मानना है कि अगर आप किसी भी खिलाड़ी को लगातार मौके देते हैं तो वह खिलाड़ी जाकर विश्वास से अपना स्वभाविक खेल खेलेगा।