मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की गुड बुक में होने के कारण उनके पुनर्वास की संभावना प्रबल
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मुख्य सचिव बीपी सिंह को रिटायरमेंट के बाद अटल बिहारी बाजपेयी गुड गवर्नेंस स्कूल में डायरेक्टर जनरल के पद पर पदस्थ किया जा सकता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की गुड बुक में होने के कारण उनके पुनर्वास की संभावना प्रबल मानी जा रही है। सिंह 31 दिसंबर को सेवानिवृत हो रहे हैं।
यदि शिवराज सिंह चौथी बार सत्ता में आने में कामयाब रहे तो मुख्य सचिव सिंह को पुनर्वास मिलना तय माना जा रहा है। सिंह को डीजी पद पर पदस्थ करने के लिए अटल बिहारी बाजपेयी गुड गवर्नेंस संस्थान के संचालक मंडल ने डीजी के चयन की प्रक्रिया में संशोधन कर दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में शनिवार को इसकी बैठक हो चुकी है।
इसमें निर्णय लिया गया है कि नियुक्ति प्रक्रिया में चयन शब्द को हटा दिया जाए। इससे अब सरकार की बजाय संचालक मंडल चयन कर नामांकन करेगा। इससे यह साफ हो गया है कि सरकार अपने चहेते को इस पद पर नामांकित करेंगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री बीपी सिंह को विशेष अधिकारों का उपयोग करते हुए केन्द्र से 6 माह का एक्सटेंसन भी दिलवा चुके हैं।
इसके पहले तीन मुख्य सचिवों का हुआ पुनर्वास
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इससे पहले तीन मुख्य सचिवों का पुनर्वास कर चुके हैं, इनमें सबसे पहला नाम राकेश साहनी का आता है, इन पर सीएम की विशेष कृपा मानी जाती है। यही वजह है कि 65 वर्ष से अधिक उम्र होने के बावजूद उन्हें नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बना रखा है, जबकि सरकार के नियमों के अनुसार 65 साल के बाद किसी को भी संविदा नियुक्ति या अन्य नियुक्ति नहीं दी जा सकती।
इसके बाद नाम आता है पूर्व मुख्य सचिव आर परशुराम का इन्हें सरकार ने राज्य सूचना आयुक्त बनाया है। इनका कार्यकाल मार्च 2019 में पूरा हो रहा है, संभावना जताई जा रही है कि सरकार आने पर इन्हें भी नियम विरुद्ध तरीके से 65 साल से उपर उम्र होने के बावजूद अन्यत्र पुनर्वास किया जा सकता है। तीसरे नंबर पर नाम आता है पूर्व मुख्य सचिव अंटोनी डिसा का । सरकार ने इन्हें रियल एस्टेट अथॉरिटी यानि रेरा का चेयरमैन बनाया है।
सरकार को देते हैं सलाह
मुख्यसमंत्री के तीनों पूर्व मुख्य सचिव करीबी रहे हैं, इनका पुनर्वास इसलिए किया गया है जिससे जरुरत पडने पर इन तीनों के प्रशासनिक अनुभव का लाभ उठाया जा सके। सीएम इन तीनों से समय—समय पर प्रशासनिक मामलों में सलाह भी लेते रहते हैं।