मध्य प्रदेश में 15 साल से काबिज है बीजेपी, महागठबंधन के लिए कई दलों की बैठक में हुआ ये फैसला

मध्य प्रदेश में पिछले 15 साल से भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सत्ता में है. इसमें से करीब 12 साल से शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री हैं. विधानसभा चुनाव नजदीक आने पर डेढ़ दशक से सत्ता में काबिज बीजेपी को हटाने के लिए अब विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं. इसी सिलसिले में महागठबंधन की नींव रखने के लिए हुई कई दलों की बैठक में बीजेपी को हटाने का संकल्प लिया गया. मध्यप्रदेश में तीन महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के विरोधी दलों ने लामबंदी शुरू कर दी है. रविवार को राजधानी में आठ दलों ने बैठक कर तय किया कि भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए संपूर्ण विपक्षी एकता के लिए ‘महागठबंधन’ बनाया जाएगा.
इसमें कांग्रेस को भी साथ लिया जाएगा. लोकक्रांति अभियान के संयोजक गोविंद यादव ने बताया कि संवैधानिक लोकतंत्र बचाने और मध्यप्रदेश के आगामी विधानसभा व लोकसभा चुनाव में गैर भाजपा महागठबंधन निर्माण के लिए रविवार को यहां विभिन्न राजनीतिक दलों की बैठक हुई। बैठक में सभी गैर भाजपा दलों ने संवैधानिक लोकतंत्र बचाने के लिए विपक्षी एकता पर सैद्धांतिक सहमति व्यक्त कर प्रदेश से भाजपा सरकार को हटाने का संकल्प लिया.
बैठक में लोकतांत्रिक जनता दल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), बहुजन संघर्ष दल, गोड़वाना गणतंत्र पार्टी और प्रजातांत्रिक समाधान पार्टी के प्रतिनिधि उपस्थित थे. माकपा व भाकपा ने संपूर्ण विपक्षी एकता के लिए महागठबंधन बनाने पर सैद्धांतिक सहमति व्यक्त की, लेकिन कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व पूर्ण गठबंधन न कर ‘रणनीतिक गठबंधन’ का समर्थन किया. बाकी दलों ने संपूर्ण विपक्षी एकता के लिए कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व पूर्ण गठबंधन का भी समर्थन किया. भाजपा विरोधी महागठबंधन बनाने पर सैद्धांतिक सहमति के बाद सभी विपक्षी दलों के बीच सीटों के बंटवारे सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए अगली बैठक 7 अक्टूबर को होगी.