फीडबैक से नाराज मुख्यमंत्री ने स्टेट हैंगर पर किया रिव्यू
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भोपाल. विधानसभा चुनाव के दो महीने पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जन आशीर्वाद यात्रा से मिले फीडबैक के आधार पर किसानों के पंजीयन पर भारी नाराजगी जताई है। शुक्रवार को सागर-टीकमगढ़ से लौटते ही स्टेट हैंगर पर खाद्य व कृषि विभाग के अफसरों की बैठक बुला ली। इसमें साफ कहा कि मौजूदा व्यवस्था में बदलाव किया जाए। चुनाव के समय इस तरह की सख्ती ठीक नहीं।
सीएम को फीडबैक मिला था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान, मोटा अनाज और अन्य फसलों के लिए किसानों की पंजीयन में भारी खामी है। इसके तहत खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने 31 जुलाई और 23 अगस्त को पंजीयन व्यवस्था की थी, उसमें बदलाव कर दिया गया है। किसानों से पंजीयन के समय खसरा व वनाधिकार पट्टे में से किसी एक दस्तावेज की प्रतिलिपि लेने के लिए कहा है। पहले दोनों को अनिवार्य कर दिया गया था। साथ ही राजस्व विभाग का प्रमाण-पत्र भी मांगा जा रहा था, जिसे खत्म कर दिया गया है। इसके अलावा किसानों से एक बैंक खाता होना पर्याप्त मांगा गया है। अभी तक किसान से सभी बैंक खातों के नंबर मांगे जा रहे थे, जिस पर अब रोक लगा दी है। इसके साथ ही संयुक्त भूमि की स्थिति में प्रत्येक खाताधारियों के पंजीयन केंद्र पर उपस्थित होने या शपथ-पत्र देने की अनिवार्यता खत्म कर दी है। अभी केंद्रों पर सभी संयुक्त खाताधारकों को खुद आने या शपथ-पत्र देने के लिए कहा जा रहा था।
पंजीयन तारीख बढ़ी
पंजीयन की अंतिम तारीख 20 सितंबर कर दी गई है। पंजीयन का समय भी सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक को बढ़ाकर सुबह सात से रात नौ बजे कर दिया है।
शिवराज ने सीएम पद की परिभाषा बदल दी : कमलनाथ
भोपाल. प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष कमलनाथ ने शुक्रवार को कहा है कि शिवराज सिंह चौहान जन आशीर्वाद यात्राओं में कह रहे हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद की परिभाषा बदल दी है। उनकी यह बात सही है। जब चुनाव आए तक जनता के बीच में पहुंच जाओ। झूठी घोषणाएं करो, खूब झूठे वादे करो, खूब गुमराह करो और पूरे पांच साल के लिए गायब हो जाओ। जनता ढंूढती रह जाए, न घोषणाएं पूरी हुई, न वादे पूरे हुए। उन्होंने कहा कि यह सही है कि आपने मुख्यमंत्री की नई परिभाषा गढ़ी है, लेकिन जनता शिवराज की इस परिभाषा को अच्छी तरह से समझ चुकी है।