डोकलाम के एक साल बाद भारत और चीन के बीच सीमा, हॉटलाइन और युद्धाभ्यास पर होगी बात
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नई दिल्ली : भारत और चीन अब डोकलाम विवाद के असर से पूरी तरह से बाहर निकलते दिखाई दे रहे हैं। दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर विश्वास बहाली के उपायों (CBMs), टॉप कमांडर्स के बीच काफी समय से पेंडिंग हॉटलाइन और ‘हैंड-इन-हैंड’ नाम के वार्षिक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास को फिर से शुरू करने के लिए तैयार नजर आ रहे हैं। डोकलाम विवाद के बाद दोनों देशों के बीच के इन सारे मुद्दों पर गतिरोध आ गया था।
मंगलवार को चीन के रक्षा मंत्री वी फेंगे से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा, ‘सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति कायम रखना उस परिपक्वता का संकेत है जिसके साथ दोनों पड़ोसियों ने अपने मतभेदों को निपटाया और उन्हें विवाद नहीं बनने दिया।’ पीएम मोदी ने मोदी ने भारत और चीन के संबंधों को दुनिया में स्थायित्व का एक अहम कारक बताते हुए दोनों देशों के बीच रक्षा और सैन्य आदान-प्रदान सहित सभी क्षेत्रों में उच्चस्तरीय संपर्कों की बढ़ती गति की तारीफ की।
24 सदस्यीय टीम के साथ भारत आए वी फेंगे गुरुवार को रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण से एक ‘रिस्ट्रिक्टेड मीटिंग’ करेंगे। दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी होगी। एक अधिकारी ने बताया कि इस मुलाकात के अजेंडा में भारत और पाक के डीजीएमओ के बीच के जैसे ही दोनों देशों के बीच हॉटलाइन, वार्षिक सैन्य अभ्यास और LAC पर टकराव रोकने के लिए विश्वास बहाली के ठोस उपायों पर चर्चा होगी।
अप्रैल में वुहान में मोदी और शी चिनफिंग के बीच हुई अनौपचारिक वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच इस तरह की वार्ता शुरू हुई है। 4057 किमी लंबी LAC पर दोनों देशों के बीच तनाव भी घटा है जो डोकलाम विवाद के दौरान काफी बढ़ गया था। सिक्किम-भूटान-तिब्बत ट्राई जंक्शन पर स्थित डोकलाम में 73 दिनों तक स्टैंडऑफ की स्थिति बनी हुई थी।
उस समय दोनों देशों की सेनाओं ने सीमा पर अतिरिक्त बटालियन, टैंक और मिसाइल यूनिट तैनात कर दी थीं। इसके बाद तनाव तो कम हुआ है लेकिन लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक LAC पर दोनों सेनाओं की आक्रामक पट्रोलिंग जारी है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने इससे पहले रिपोर्ट किया था कि पिछले महीने पूर्वी लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में चीन की सेना के कुछ जवान घुस आए थे। इन जवानों ने करीब 300-400 मीटर आकर अपने पांच टेंट लगाए थे।