अमरीका की भारत को गार्जियन ड्रोन देने की पेशकश, असमंजस में मोदी
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वॉशिंगटनः अमरीका भारत के साथ दोहरा रवैया अपना रहा है जिससे प्रधानमंत्री मोदी असमंजस में हैं। एक तरफ अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान को लेकर मोदी को धमका रहे हैं और दूसरी तरफ भारत को गार्जियन ड्रोन के आर्म्ड वर्जन (हथियार क्षमता) देने की पेशकश की है। सूत्रों के मुताबिक यह ड्रोन केवल गैर हथियार और सर्विलांस उद्देश्यों के लिए ही बिक्री को अधिकृत था। एक वरिष्ठ अमरीकी अधिकारी और इंडस्ट्री एक सोर्स के अनुसार अगर इस डील ने आकार लिया तो नाटो देशों के बाहर दूसरे को अमरीका पहली बार बड़े आर्म्ड ड्रोन बेचेगा। यह भारत-पाकिस्तान के बीच अक्सर तनाव वाले इस इलाके के लिए पहला हाइटेक मानवरहित एयरक्राफ्ट होगा। अप्रैल में ट्रंप प्रशासन ने अमरीकी हथियार निर्यात नीति में बदलाव किए थे। इसके तहत ट्रंप प्रशासन ने हथियारों की बिक्री को सहयोगियों के बीच बढ़ाने का लक्ष्य तैयार किया है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि इसकी मदद से अमेरिकन डिफेंस इंडस्ट्री को फायदा मिलेगा और उनके देश में नई नौकरियों का सृजन भी होगा।
इस प्लान में ड्रोन निर्यात की एक नई नीति को भी शामिल किया गया है। इसके तहत मिसाइल फायर करने वाले विध्वंसक और सर्विलांस ड्रोन को दूसरे सहयोगियों को भी बेचने की अनुमति दी गई है। हालांकि अमरीकी अधिकारी का कहना है कि इस डील के रास्ते में एक प्रशासनिक रोड़ा भी मौजूद है। अधिकारी के मुताबिक इस डील को हासिल करने के लिए भारत को एक कम्युनिकेशन फ्रेम वर्क को स्वीकार करना होगा। उनके मुताबिक संभव है कि दिल्ली को ज्यादा दखलंदाजी वाला लगे। सूत्रों के मुताबिक जुलाई में भारत और अमरीका के बीच रद्द हुए 2+2 बैठक में ड्रोन की इस डील पर भी बात होनी थी और इसे अजेंडा में शामिल किया गया था।
इस उच्च स्तरीय बैठक के अब इस साल सितंबर में होने की उम्मीद है। जून में जनरल एटॉमिक्स ने कहा था कि अमरीकी सरकार ने ड्रोन के नैवल वैरिएंट को बेचने की अनुमति दे दी है। भारत हिंद महासागर की निगरानी के लिए 22 मानवरहित MQ-9B सर्विलांस एयरक्राफ्ट खरीदने की 2 अरब डॉलर की डील को लेकर बातचीत में लगा हुआ है। सूत्रों का कहना है कि अब इसमें आर्म्ड ड्रोन के शामिल होने के अलावा एयरक्राफ्ट की संख्या भी बदलने की उम्मीद है। एक रक्षा सूत्र का कहना है कि मिलिटरी ऐसा ड्रोन चाहती है जो केवल सर्विलांस न करे बल्कि समंदर और जमीन पर शत्रुओं पर निशाना भी लगाए।