बड़ी खबर: 2018 चुनाव से पहले इन कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगी सरकार, सूची हो रही तैयार
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जबलपुर। सरकारी कर्मचारी की चर्चा होते ही आम आदमी के जहन में एक आलसी, कामचोर और रिश्वतखोर व्यक्ति की छवि सामने आ जाती है। जिसके चलते वे लोग भी बदनाम होते हैं जो ईमानदारी से अपना काम करते हैं। इन कर्मचारियों के कारण जनता सरकार को कोसती है। कि कोई काम नहीं होता है, आम आदमी परेशान हो रहा है। इसी बात का फायदा उठाते हुए विपक्षी पार्टियां मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने का काम करती है। ऐसे में अब मप्र सरकार इस मुद्दे को खत्म करने जा रही है। इसके लिए बकायदा पड़ताल भी शुरू हो गई है।
about- 20-50 फार्मूले के तहत अनफिट अधिकारी-कर्मचारी की बनेगी सूची
चुनावों के पहले सरकार का यह कदम जहां आलसी कामचोर कर्मचारियों पर गाज बनकर गिरेगा, वहीं आम आदमी के मन में सरकार की धूमिल छवि भी साफ होने की संभावना जताई जा रही है। दरअसल, सरकार उन कर्मचारियों की सूची तैयार करा रही है, जो अपना काम ईमानदारी से नहीं करते, या वे हर टारगेट में फिसड्डी रहते हैं या शारिरिक रूप से काम के प्रति फिट नहीं बैठते हैं। इनमें २० साल की सर्विस पूरी करने वालों से लेकर ५० साल की उम्र पार करने वाले कर्मचारी शामिल हैं। इन कर्मचारियों की संख्या पूरे प्रदेश में हजारों की हो सकती है।
क्या है मामला-
कामकाज में फिसड्डी और फिजिकल अनफिट कर्मचारियों की पड़ताल फिर से शुरू हो गई है। दोनों ही श्रेणियों के तहत २० साल की सेवा व ५० साल की उम्र पूरी कर चुके अधिकारियों को चिन्हित किया जाना है, जिससे उन्हें वालेंटियर रिटायरमेंट दिया जा सके। इसमें सभी विभागों के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। संभागीय उपायुक्त निमिषा जायसवाल ने सभी विभागों सें दोनों बिंदुओं के तहत शासकीय सेवकों के अभिलेखों की छानबीन समीक्षा के लिए निर्धारित प्रपत्र में जानकारी भेजने के निर्देशित किया है। कई विभागों ने अब तक संभागायुक्त कार्यालय में जानकारी नहीं भेजी है।
आरआई, लिपिक की सूची बनी
सूत्रों के अनुसार २०-५० के फार्मूले में अब तक कलेक्ट्रेट में पदस्थ ४ के लगभग लिपिकों व ३५ से ज्यादा राजस्व निरीक्षकों को शामिल किया गया है। लेकिन उनमें से अनफिट लोगों की सूची अलग से तैयार नहीं की गई है।