अमेरिका और उ.कोरिया की पहल को विश्व ने सराहा, लेकिन तानाशाह पर विशेषज्ञों को नहीं भरोसा
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि वे उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन से मिलने के लिए तैयार हैं। दोनों देशों के नेताओं की आमने-सामने बैठकर यह पहली मुलाकात होगी। इस मुलाकात से उम्मीद जताई जा रही है कि उत्तर कोरिया के साथ छिड़े परमाणु गतिरोध के समाप्त करने की सफलता प्राप्त होगी।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा कार्यालय के अध्यक्ष चुंग यूई-योंग ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि किम ने परमाणु और मिसाइल परीक्षणों को निलंबित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। विशेषज्ञों का संदेह है कि उत्तर कोरिया वास्तव में अपने परमाणु हथियारों को छोड़ने की योजना बना रहा है। उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु परीक्षण के बाद से ट्रंप और किम जोंग के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली। अमेरिका ने उत्तर कोरिया की इस हरकत को संयुक्त राष्ट्र ,सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों की अवहेलना बताया। हालांकि पिछले महीने दक्षिण कोरिया में हुए शीतकालीन ओलंपिक के दौरान किम के तेवर में नरमी देखने को मिली।
ट्रंप ने चुंग यूई से बात करने के बाद ट्विटर पर कहा, ‘ उत्तर कोरिया के साथ बैठक की योजना बनाई जा रही है, जनवरी 2017 में कार्यालय संभालने के बाद से उनकी सबसे बड़ी विदेश नीति क्या होगी, उसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है?” चुंग के बात करने के बाद ट्रंप ने मई के आसपास मुलाकात का किम जोंग का निमंत्रण स्वीकार कर लिया। उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच बिगड़ते संबंधों के सुधार के लिए उठाए गए इस कदम का रूस, चीन समेत जापान ने स्वागत किया है।
गौरतलब है कि ट्रंप ने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को पागल और ‘लिटिल रॉकेट मैन’ बताया था और पिछले साल संयुक्त राष्ट्र में भाषण के दौरान उन्होंने 26 लाख आबादी वाले उत्तर कोरिया को खत्म करने की धमकी दी थी। ट्रंप ने कहा कि अगर किम ने अमेरिका या फिर उसके सहयोगियों पर हमला किया तो उत्तर कोरिया को वे तबाह कर देंगे। जिसके जवाब में किम ने ट्रंप को निशाने पर लेते हुए उन्हें मानसिक और शारीरिक तौर पर कमजोर एक सनकी बूढ़ा करार दिया था।