नोटबंदी में खरीदी महंगी गाड़ियां, अब आएंगे आयकर विभाग के निशाने पर
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भोपाल के कार डीलर ‘माय कार’ के सभी 18 ठिकानों पर आयकर छापे की कार्रवाई दूसरे दिन भी जारी रही। तीन राज्यों में चल रही छानबीन में विभाग को ऐसे लोगों की सूची मिली है, जिन्होंने नोटबंदी के दौरान नकद राशि देकर महंगी गाड़ियां खरीदीं। इन सभी लोगों को आयकर विभाग नोटिस देकर पूछताछ करेगा।
‘माय कार” समूह के राजधानी में मारुति कार के चार बड़े शोरूम हैं। समूह का कामकाज मप्र के अलावा छत्तीसगढ़ और उत्तरप्रदेश तक फैला है। पिछले साल नोटबंदी के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने पुरानी करेंसी खपाने के उद्देश्य से नकदी देकर समूह के शोरूम से महंगी गाड़ियां खरीदी थीं।
छापे में आयकर अफसरों को ऐसे लोगों का ब्योरा मिला है। विभाग का कहना है कि संदिग्ध खरीददारों को नोटिस देकर पूछताछ की जाएगी। इसके अलावा उन सभी के आयकर रिटर्न में यह जांच भी की जाएगी कि उन्होंने गाड़ियों की नकद खरीद-फरोख्त का ब्योरा विभाग को दिया अथवा नहीं।
नोटबंदी और ऑपरेशन क्लीनमनी के तहत विभाग ने ऐसे लोगों को निशाने पर लिया है, जिन्होंने अपनी काली कमाई छिपाने के लिए इस तरह के हथकंडों का सहारा लिया। विभाग का कहना है कि नोटबंदी के बाद आयकर विभाग की ओर से अघोषित आय उजागर करने के लिए दो योजनाएं निकाली गईं। इसके बावजूद जिन्होंने अपना कालाधन घोषित नहीं किया उन्हें निशाने पर रखा गया है।
विभागीय अफसरों का कहना है कि ‘माय कार’ समूह की छानबीन में ऐसे कई लोगों का ब्योरा हाथ लगा है। विभाग के प्रिंसिपल डायरेक्टर आरके पालीवाल ने बताया कि जांच में पाया गया है कि समूह ने दो तरह की बैलेंस शीट्स और बुक्स ऑफ रिकार्ड्स बनाकर रखे थे।
विभाग को भी गलत जानकारी देकर अंधेरे में रखा गया। जिन लोगों को नकदी में गाड़ियां बेचीं उनकी जानकारी विभाग को नहीं दी गई। उन्होंने बताया कि समूह के ठिकानों पर नकदी व ज्वेलरी इतनी नहीं मिली कि उन्हें जब्त किया जा सके।