एक लाख से अधिक बढ़ गए पासपोर्ट बनवाने वाले, सालभर में 24 फीसदी बढ़ी आवेदनों की संख्या
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भोपाल। पासपोर्ट के लिए विदेश मंत्रालय द्वारा दस्तावेजों का सरलीकरण किए जाने के बाद इस साल 24 फीसदी आवेदकों की संख्या बढ़ गई। पासपोर्ट बनवाने वालों की तादाद हर साल बढ़ती जा रही है। पिछले दस साल के दौरान मप्र से पासपोर्ट की संख्या में एक लाख की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि उच्च शिक्षा, घूमने-फिरने और नौकरी के लिए मप्र से विदेश जाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 10 साल पहले 2008 में पासपोर्ट बनवाने वालों की संख्या कुल 70 हजार थी। 2017 में 26 दिसंबर तक यह आंकड़ा 1लाख 78,780 तक पहुंच गया है। पिछले साल से यह 24 फीसदी ज्यादा है।
अपाइंटमेंट बढ़े, प्रक्रिया सरल क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी नीलेश श्रीवास्तव का कहना है कि विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट निर्माण की प्रक्रिया पहले की तुलना में ज्यादा सरल कर दी है। अपाइंटमेंट के स्लॉट भी बढ़ गए हैं। इंदौर में पासपोर्ट सेवा केन्द्र के अलावा चार शहरों (विदिशा, ग्वालियर, जबलपुर व सतना) में पासपोर्ट सेवा केन्द्र भी खुल चुके हैं। कॉलेज के छात्रों में पासपोर्ट बनवाने की अनिवार्यता भी बढ़ती जा रही है। युवाओं में विदेश जाने का क्रेज बढ़ता जा रहा है।
इंदौर में 10 माह में 40 हजार पासपोट
श्रीवास्तव ने बताया इंदौर में पासपोर्ट के सर्वाधिक आवेदन जमा हो रहे हैंं। 26 फरवरी को इंदौर में पासपोर्ट लघु सेवा केन्द्र खोला था। 10 माह में वहां 40 हजार 69 पासपोर्ट बनाए गए। विदेश मंत्रालय ने इंदौर की मांग देखते हुए इस माह इसे अपग्रेड कर पासपोर्ट सेवा केंद्र का दर्जा दिया है।
ऐसे बढ़ी पासपोर्ट की संख्या
वर्ष संख्या
2017 1लाख 78780
2016 1लाख 44749
2015 1लाख 56793
2014 1लाख 40287
2013 1लाख 06293
2012 69 हजार 725
2011 99 हजार
2010 89 हजार
2009 64 हजार