मां ने रखा लंबी आयु के लिए उपवास, लेकिन बेटे ने एक छात्रा के साथ…
मध्य प्रदेश में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें मंगलवार को मां ने अपने बेटे के लिए संतान सप्तमी का उपवास रखा था लेकिन उसे क्या पता था कि आज ही के दिन उसका बेटा फांसी के फंदे पर लटका मिलेगा।
घर का इकलौता बेटा था
शिवाजी नगर स्थित खाली पड़े आई-टाइप क्वार्टर में अंकुर चेस एकेडमी के मैनेजर और बीए की छात्रा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। दोनों के शव किचन में एक ही फंदे पर लटके पाए गए। एमपी नगर पुलिस इसे प्रेम प्रसंग से जोड़कर पड़ताल कर रही है। मैनेजर घर का इकलौता बेटा था।
शिवाजी नगर निवासी 21 साल के उमेश रायकवार अंकुर चेस एकेडमी में मैनेजर थे और इसके साथ ही बीसीए अंतिम वर्ष की पढ़ाई भी कर रहे थे। उमेश यहां दो बहनों सुनीता, ज्योति और माता-पिता के साथ रहता था। उनकी बहन ज्योति ने बताया कि सोमवार को ही उनके दोस्त के पिता का पारुल अस्पताल में ऑपरेशन हुआ। मंगलवार सुबह 7 बजे उमेश ने कहा- दीदी चाय बना दे, मैं अस्पताल में चाय देकर आता हूं। इसके बाद वह चाय लेकर घर से निकल गया। करीब आठ बजे ज्योति ने उसे कॉल किया जो उमेश ने फोन नहीं उठाया।
किचन का दरवाजा बंद कर दोनों ने दे दी जान
बाद में ज्योति ने उमेश के दोस्त कमल से उसके बारे में पूछा, लेकिन वह नहीं बता पाया। इसके बाद कमल की बहन चित्रा को फोन किया तो उसने भी फोन नहीं उठाया। चित्रा पड़ोस में किराए से रहती थी। खोजबीन करने पर चित्रा के पड़ोस वाले खाली मकान में ताला नजर नहीं आया तो दरवाजा तोड़कर अंदर गए जहां किचन का भी दरवाजा अंदर से बंद था। जब इस दरवाजे को भी तोड़ा गया तो देखकर हैरान रह गए। उमेश और चित्रा फंदे पर लटके मिले। उन्होंने दो दुपट्टों को एक में बांधकर फांसी लगा रखी था। दोनों को फंदे से उतारकर परिजन अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। चित्रा भी यहां अपने भाई के साथ रहती थी।
पुताई का काम करते हैं पिता, फिर भी करवा रहे थे महंगा कोर्स
मृतक युवक की बहन ज्योति ने बताया कि पिताजी पुताई का काम करते हैं। इसके बाद भी उसे माखनलाल विवि से बीसीए का महंगा कोर्स करवा रहे थे, ताकि आगे चलकर वह अपने पांवों पर खड़ा हो सके और माता-पिता का सहारा बने।