Himachal Apple: हिमाचल का सेब एप्पल ट्रेन से जाएगा केरल , बैठक में हुआ मंथन
देश में पहली बार रेलवे हिमाचल प्रदेश का सेब केरल पहुंचाने के लिए एप्पल ट्रेन चलाएगा। पहली बार ही हिमाचल और केरल की सहकारी समितियों के माध्यम से प्रदेश के बागवानों का सेब सीधे ग्राहक तक पहुंचेगा। रेलवे बागवानों को सस्ती परिवहन सुविधा देगा। बिचौलियों का खेल खत्म होने से ग्राहकों को सस्ता सेब मिलेगा। शिमला रेलवे स्टेशन पर रेल से सेब ढुलाई को लेकर हुई रेलवे के अधिकारियों और बागवानों की बैठक में इसे लेकर चर्चा हुई।
बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अंबाला डॉ. रितिका वशिष्ठ ने की। सहायक वाणिज्य प्रबंधक राजेश खन्ना ने बताया कि चंडीगढ़ से कोच्चिवल्ली जाने वाली केरल संपर्क क्रांति से हिमाचल का सेब केरल पहुंचाया जा सकता है। बागवान चाहें तो 20 डिब्बों की पूरी एप्पल ट्रेन भी चल सकती है। प्रतिकिलो लगभग 9.70 पैसे किराया लगेगा। 3,125 किलोमीटर की दूरी 48 घंटे में तय होगी।
ट्रकों के मुकाबले कम समय लगेगा। बैठक में कालका-हावड़ा एक्सप्रेस से भी सेब भेजने पर चर्चा हुई। इस रूट पर 36 घंटे में 6.50 पैसे प्रतिकिलो के किराये पर सेब पहुंचेगा। कोलकाता में छोेटे आकार के सेब की अधिक मांग के चलते बागवानों को लाभ होगा। स्टोन फ्रूट ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक सिंघा ने शिमला की चेरी मुंबई भेजने की संभावना पर भी चर्चा की।
चेरी की गुणवत्ता के लिए वातानुकूलित वैगन की उपलब्धता की मांग उठाई। किसान सभा के अध्यक्ष डाॅ. कुलदीप तंवर, प्रोग्रेसिव ग्रोवर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष आशुतोष चौहान, ज्ञान विज्ञान समिति से ओम प्रकाश भुवेटा, मुख्य वाणिज्य निरीक्षक अमर सिंह ठाकुर, स्टेशन अधीक्षक संजय गेरा, वाणिज्य निरीक्षक विकास मलिक, दर्शन सिंह गिल बैठक में उपस्थित रहे।
सेब से पहले फ्रासबीन भेजने का होगा ट्रायल
आढ़ती संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नाहर सिंह चौधरी ने कहा कि ट्रेन के माध्यम से फ्रासबीन कोलकाता भेजना चाहते हैं, लेकिन लोडिंग अनलोडिंग के नाम पर नाजायज पैसा नहीं लिया जाना चाहिए। अकेले शिमला मंडी से रोजाना 2 वैगन (चार ट्रक) माल भेज सकते हैं। रेल अधिकारियों ने ट्रायल के तौर पर सेब से पहले एक बार फ्रासबीन भेजकर शुरुआत करने का आग्रह किया।
भविष्य में रेल ही सेब परिवहन का माध्यम : सिंघा
सेब उत्पादक संघ के संरक्षक राकेश सिंघा ने बताया कि बागवान सहकारी समितियों के जरिये रेल से सेब सीधे केरल भेजना चाहते हैं। बिचौलियों का खेल खत्म होने पर लोगों को सेब सस्ता मिलेगा। भविष्य में रेल ही सेब परिवहन का विकल्प बनेगा। केरल से किसान कोकोपीट वापिस भेजने के भी इच्छुक हैं।