तमिलनाडु में सरकारी स्कूल के बच्चों को प्रोफेशनल कोर्स में मिलेगा 7.5 फीसद कोटा, विधानसभा में बिल पेश
चेन्नई। तमिलनाडु में सरकारी स्कूलों के बच्चों को प्रोफेशनल कोर्स में 7.5 फीसद तक कोटा मिलेगा। जल्द ही सरकारी स्कूल के बच्चों को प्रोफेशनल कोर्स में 7.5 फीसदी कोटा मिलेगा। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को इस संबंध में विधानसभा में बिल पेश किया। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने गुरुवार को विधानसभा में कृषि, कानून, मत्स्य पालन और इंजीनियरिंग जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को 7.5 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए एक विधेयक(बिल) पेश किया। बिल पास होने के बाद राज्य के इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चर, फिशरीज और ला जैसे प्रोफेशनल कोर्सेज में एडमिशन के दौरान सरकारी स्कूल के स्टूडेंट्स के लिए 7.5 फीसदी सीटें आरक्षित हो जाएंगी।
सदन में बिल पेश करते हुए स्टालिन ने कहा कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बहुत कम बच्चे ही प्रोफेशनल कोर्स में दाखिला ले पाते हैं। परिवार की खराब आर्थिक स्थिति और जागरुकता की कमी के चलते प्रोफेशनल कोर्सेज में दाखिला लेने वाले सरकारी स्कूल के छात्रों की संख्या काफी कम है। AIADMK के विधायकों ने भी बिल का स्वागत किया है। इस महीने की शुरुआत में एम के स्टालिन के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल ने राज्य सरकार द्वारा संचालित स्कूलों के छात्रों को प्रोफेशनल कोर्सेज में एडमिशन के लिए 7.5 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया था।
HC ने मेडिकल-डेंटल सीटों में 10 फीसद EWS कोटे को नकारा
मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार को तमिलनाडु सरकार द्वारा सरेंडर की गई अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) सीटों पर मेडिकल और डेंटल सीटों में प्रवेश के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 फीसद आरक्षण को रद कर दिया। यह उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित 50 प्रतिशत की सीमा का उल्लंघन करता है। मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति पी.डी. ऑडिकेसवालु ने कहा- ईडब्ल्यूएस कोटा भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुमोदित होने तक अनुमेय है।
हालांकि, अदालत ने कहा कि मेडिकल और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए तमिलनाडु सरकार द्वारा एआईक्यू सीटों पर ओबीसी के लिए केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित 27 प्रतिशत आरक्षण संभव है और इसके लिए राज्य में 50 प्रतिशत आरक्षण देने की जरूरत नहीं है।