महाराष्ट्र में पूरे देश से 5 गुना ज्यादा है कोरोना की रफ्तार, उत्तर भारत में पंजाब बढ़ा रहा चिंता
भारत में कोरोना के नए मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय कोरोना संक्रमण दर (साप्ताहिक) 5.65 प्रतिशत है। महाराष्ट्र में 23 प्रतिशत की दर (साप्ताहिक) दर से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं।महाराष्ट्र में इसकी रफ्तार सर्वाधिक है। यह राष्ट्रीय दर की तुलना में पांच गुना अधिक है।
अन्य राज्यों की बात करें तो पंजाब में यह 8.82 प्रतिशत है। वहीं, छत्तीसगढ़ में 8 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 7.82 प्रतिशत, तमिलनाडु में 2.50 प्रतिशत, कर्नाटक में 2.45 प्रतिशत, गुजरात में 2.2 प्रतिशत और दिल्ली में 2.04 प्रतिशत की दर से कोरोना के नए मामले बढ़ रहे हैं।
पंजाब ने बढ़ा दी चिंता
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है, वहां जांच को तेजी से बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि पंजाब न तो पर्याप्त संख्या में जांच कर पा रहा है और न ही कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को तत्काल पृथक-वास में भेज पा रहा है।
टॉप-10 जिलों में से आठ महाराष्ट्र से
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित 10 जिलों में दिल्ली, एक जिले के रूप में ली गई। ऐसे आठ जिले महाराष्ट्र से हैं।
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि का सामना कर रहे राज्यों को कई निर्देश जारी किए हैं। ऐसे राज्यों से कहा गया है, आरटी-पीसीआर पर ध्यान केंद्रित कर जांच संख्या में वृद्धि की जाए, संक्रमित लोगों को तुरंत पृथक किया जाए, संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जाए, स्वास्थ्य देखरेख संबंधी संसाधनों को मजबूत किया जाए।
स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कोविड-19 संबंधी स्थिति हाल के दिनों में बद से बदतर हुई है, यह बड़ी चिंता का कारण है।
भारत में भी ब्रिटेन वाला स्वारूप
केंद्र सरकार ने कहा है, ”11,064 नमूनों की ‘जीनोम सीक्वेंसिंग की गई, 807 नमूनों में ब्रिटेन में मिला कोरोना वायरस का नया स्वरूप पाया गया, 47 नमूनों में वायरस का दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप मिला तथा एक नमूने में वायरस का ब्राजीलियाई स्वरूप मिला।” साथ ही यह भी कहा है कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड टीके ब्रिटेन तथा ब्राजील में मिले सार्स-कोव-2 के नए स्वरूप के खिलाफ प्रभावी है। वायरस के दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप के खिलाफ कार्य जारी है।