परीक्षा पर रोक से इनकार, आईपीयू में नियमित परीक्षा कराने पर HC ने केंद्र व दिल्ली से मांगा जवाब
मुख्य न्यायाधीश धीरूभाई नारायणभाई पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की बेंच ने इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय, दिल्ली सरकार, जीजीएसआईपीयू, भारतीय विधिज्ञ परिषद से भी जावाब मांगा है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, विवेकानंद इंस्टीट्यूट आफ प्रोफेशनल स्ट्डी और एमिटी विश्वविद्यालय को भी नोटिस जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर से पहले जवाब दाखिल करने को कहा है। हालांकि, बेंच ने 2 नवंबर से शुरू हो रहे परीक्षा पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया है।गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (जीजीएसआईपीयू) में चल रहे भौतिक/नियमित परीक्षा को स्थगित या रद्द करने की मांग की पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने जीजीएसआईपीयू के विधि छात्रों की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर विचार करते हुए यह आदेश दिया है।
वकील भुवन गुगनानी के माध्यम से दाखिल याचिका में छात्रों ने कहा है कि वे इसी पाठ्यक्रम के लिए विश्वविद्यालय द्वारा जारी अधिसूचना पर कई बार परीक्षा में शामिल हो चुके हैं और अब दोबारा से ऑफलाइन मोड यानी नियमित परीक्षा में शामिल होने को कहा जा रहा है। याचिका में कहा गया है कि कम समय में ही विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा अधिसूचनाओं में बदलाव के कारण छात्रों के लिए अध्य्यन, ऑनलाइन कक्षा में शामिल होना, दूरस्थ शिक्षा, पिछले सेमेस्टर के आंतरिक परीक्षा और मौजूदा सेमेस्टर की परीक्षा की तारीखों की वजह से बोझिल हो गया है।
याचिका में कहा गया है कि नियमित (शारीरिक तौर पर उपस्थित होकर) परीक्षा देने के लिए मजबूर किए जाने से छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए परेशानी का कारण होने के साथ-साथ यह उनके जीवन के अधिकार का उल्लंघन है। साथ ही कहा है कि इससे दो सेमेस्टर के बीच पर्याप्त समय नहीं देना उनके गुणवत्ता शिक्षा के अधिकार के खिलाफ है। सुनवाई के दौरान छात्रों की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि रविवार यानी 1 नवंबर को भारतीय विधिज्ञ परिषद ने राज्य सरकारों और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को शारीरिक परीक्षा देने की अनुमति देने का प्रस्ताव लेकर आया था। याचिका में आईपी विश्वविद्यालय द्वारा 2 नवंबर से नियमित परीक्षा लिए जाने पर रोक लगाने की मांग की थी।