शिवराज सरकार ने कम किया बच्चों का ‘बोझ’, हफ्ते में एक दिन बैगलेस; होमवर्क के भी नियम
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मध्य प्रदेश सरकार ने स्कूली छात्रों को राहत दी है। अब छात्रों को हफ्ते में एक दिन बिना बैग के स्कूल जाना होगा। कक्षा के हिसाब से होमवर्क देने का समय निर्धारित किया गया है। डीईओ निरिक्षण करेंगे।
मध्य प्रदेश में पढ़ने वाले बच्चों के लिए अच्छी खबर है। शिवराज सरकार ने छात्रों की पीठ पर बढ़ते बोझ को कम करने के लिए गाइडलाइन जारी की है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी नए दिशानिर्देशों के अनुसार, छात्र हफ्ते में एक दिन बिना बैग के स्कूल आएंगे। इसके अलावा सरकार ने विभिन्न कक्षाओं के लिए स्कूल बैग का वजन निर्धारित किया है और स्कूलों को यह चार्ट डिस्पले (प्रदर्शित) करना होगा। जिला शिक्षा अधिकारी इसका औचक निरीक्षण करेंगे।
दूसरी तक के छात्रों को नहीं मिलेगा होमवर्क
दूसरी क्लास तक के छात्रों को कोई होमवर्क नहीं मिलेगा। कक्षा 3 से 5 तक के छात्रों को हर हफ्ते 2 घंटे से ज्यादा का होमवर्क नहीं दिया जाएगा। कक्षा 6-8 के लिए होमवर्क रोजाना अधिकतम एक घंटा और उच्च कक्षाओं के लिए प्रतिदिन दो घंटे का होना चाहिए। राज्य की शिवराज सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत जारी स्कूल नीति 2020 को लागू किया है और विभिन्न कक्षाओं के लिए स्कूल बैग का वजन निर्धारित कर दिया है। स्कूलों को यह चार्ट दिखाना होगा।
डीईओ करेंगे निरीक्षण
एक अधिकारी ने कहा, ‘छात्रों के लिए हफ्ते में एक बैगलेस दिन होगा। इस दिन को-करिकुलर गतिविधियों का आयोजन किया जाना चाहिए। जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) छात्रों के बैग का वजन जांचने के लिए स्कूलों का औचक निरीक्षण करेंगे। स्कूल डायरी भी इस निर्धारित वजन का हिस्सा होंगी।’ राज्य सरकार ने केवल एनसीईआरटी की पुस्तकों की अनुमति होगी।
बिना किताब हों ये कक्षाएं
गाइडलाइन में कहा गया है कि स्कूल बैग का वजन हल्का होना चाहिए जिससे छात्रों को इसे ले जाने में आसानी हो। हालांकि ट्रॉली बैग पर प्रतिबंध है। स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि कंप्यूटर, मोरल साइंस, सामान्य ज्ञान, खेल, फिजिकल एजुकेशन (शारीरिक शिक्षा), स्वास्थ्य और कला की कक्षाएं बिना किताबों के आयोजित की जाएं। वर्कबुक, प्रैक्टिस बुक्स और संबंधित सामग्री स्कूलों में रखी जानी चाहिए और टाइम टेबल इस तरह से तैयार किया जाना चाहिए कि छात्रों को रोजाना सभी किताबें लाने की जरूरत न पड़े।