पीएम मोदी ने आपरेशन गंगा के कामकाज में शामिल दूतावास के अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की बात
नई दिल्ली : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने में शामिल कई दूतावासों और समूहों के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कि जरिए बातचीत की। उन्होंने हंगरी और रोमानिया में स्थित भारतीय दूतावासों के अधिकारियों के साथ भी चर्चा की। बैठक में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह भी मौजूद थे।
केंद्रीय मंत्रियों को दी गई विशेष दूत की जिम्मेदारी
सरकार के ओर से विशेष रूप से आपरेशन गंगा के तहत, सिंधिया को रोमानिया, रिजिजू को स्लोवाक गणराज्य, पुरी को हंगरी और वीके सिंह को पोलैंड में विशेष दूत की भूमिका में भेजा गया था। विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर ने मंगलवार को यूक्रेन में मौजूदा स्थिति पर राज्यसभा में एक बयान में इस बात पर प्रकाश डाला कि यूक्रेन में सुमी से निकासी बेहद गंभीर थी। उन्होंने बताया कि यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपतियों के साथ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप के बाद युद्धविराम हुआ। जिसके बाद भारतीय छात्रों को वहां से निकाला जा सका।
मिशन के तहत 80 से ज्यादा उड़ानों का संचालन
गौरतलब है कि अब तक, भारत ने 80 से अधिक विशेष निकासी उड़ानों के जरिए यूक्रेन में फंसे हुए लगभग 22,500 नागरिकों को सुरक्षित वहां से निकाला है। भारत ने ऑपरेशन गंगा के जरिए बांग्लादेश और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों के कई नागरिकों को बचाने में भी अहम भूमिका निभाई है। आपरेशन के दौरान, बसों और ट्रेनों के जरिए भारतीयों को यूक्रेन की पश्चिमी सीमाओं तक पहुंचाया गया। जिसके बाद उन्हें बुखारेस्ट, बुडापेस्ट, सुसेवा और वारसा के रास्ते स्वदेश वापस लाया गया। सूमी से निकासी मिशन के तहत 600 से अधिक छात्रों के अंतिम बैच को पोलैंड के रास्ते भारत वापस लाया गया।