भारत के ये शहर कुछ और वर्षों में जलमग्न हो जाएंगे, आईपीसीसी
Newyork,नवम्बर 6,:—— पूर्व की तुलना में जलवायु परिवर्तन में उल्लेखनीय परिवर्तन हो रहा है। इसलिए समय से पहले बारिश, बाढ़.. प्राकृतिक आपदाएं। इसी क्रम में समुद्र का स्तर भी दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। यह तटीय क्षेत्रों के लिए एक बड़ा खतरा है। नासा ने हाल ही में दुनिया के महासागरों में परिवर्तन का विश्लेषण करने के लिए इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) का इस्तेमाल किया। समुद्र के बढ़ते स्तर के कारण भारत में बारह तटीय क्षेत्रों के डूबने का खतरा है। अगर उन इलाकों…
आईपीसीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर मौजूदा जलवायु परिवर्तन और समुद्र के स्तर में बढ़ोतरी जारी रही तो देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई (महाराष्ट्र) इस सदी के अंत तक 1.90 फीट पानी में डूब जाएगी। चेन्नई (तमिलनाडु) 1.87 फीट, बौनगर (गुजरात) 2.70 फीट, मैंगलोर (कर्नाटक) 1.87 फीट, मुरमुगांव (गोवा) 2.06 फीट, तूतीकोरिन (तमिलनाडु) 1.90 फीट, किदिरपुर (पश्चिम बंगाल) 0.49 फीट, पारादीप (ओडिशा) 1.3 ओका (गुजरात) के 1.96 फीट, विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) में 1.77 फीट और कांडला (गुजरात) में 1.87 फीट डूबने की संभावना है। इसलिए आईपीसीसी अभी भी पर्यावरण की रक्षा करने का सुझाव देता है।
वेंकट, ekhabar रिपोर्टर,