डिजिटल कर का बदला: भारतीय उत्पादों पर अमेरिका कर रहा टैरिफ लगाने की तैयारी, जानिए पूरा मामला
अमेरिका करीब 40 भारतीय उत्पादों पर 25 फीसदी तक टैरिफ लगाने की तैयारी कर रहा है। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) के अनुसार, अमेरिका में भारतीय उत्पादों पर उतनी ही ड्यूटी लगाई जाएगी जितनी भारत डीएसटी के रूप में अमेरिकी उत्पादों पर लगा रहा है। भारत में अमेरिकी कंपनियों द्वारा दिए जाने वाले डीएसटी की वल्यू करीब 5.5 करोड़ डॉलर होगी।
इन उत्पादों में श्रिंप, फर्नीचर, सोना, चांदी, बासमती चावल, आदि शामिल हैं। दरअसल भारत ने विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों पर डिजिटल सेवा कर (DST) लगाया है। इसके जवाब में अब अमेरिका भी चुनिंदा भारतीय सामानों पर टैरिफ लगाने जा रहा है।
छह देशों को जवाबी व्यापार कार्रवाई की चेतावनी
यूएसटीआर ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर यह डिजिटल सेवा कर लगाने वाले देशों या इसे लगाने की तैयारी कर रहे देशों को जवाबी व्यापार कार्रवाई की चेतावनी दी है। यूएसटीआर ने भारत सहित छह देशों के खिलाफ प्रस्तावित व्यापार कार्रवाई के संदर्भ में नोटिस जारी कर सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं। इन छह देशों में भारत, इटली, तुर्की, ब्रिटेन, स्पेन और ऑस्ट्रिया शामिल हैं।
यूएसटीआर ने बयान में कहा कि वह संभावित व्यापार कार्रवाई को लेकर सार्वजनिक नोटिस और टिप्पणी की प्रक्रिया पर आगे बढ़ रहा है, जिससे उसके बाद जांच को पूरा करने के लिए एक साल की सांविधिक अवधि समाप्त होने से पहले प्रक्रियागत विकल्प उपलब्ध होगा।
प्रस्तावित कार्रवाई की समीक्षा करेगा भारत
यूएसटीआर की इस चेतावनी पर सरकार के सूत्रों ने शनिवार को कहा कि भारत प्रस्तावित कार्रवाई की अंशधारकों के साथ समीक्षा करेगा। उसके बाद देश के व्यापार और वाणिज्यिक हित तथा लोगों के कुल हितों को आधार पर उचित उपाय करेगा। जून 2020 में अमेरिका ने अमेरिकी व्यापार कानून, 1974 की धारा 301 के तहत डिजिटल सेवाओं पर कराधान की जांच शुरू की थी।
जनवरी 2021 में यूएसटीआर ने कहा था कि अमेरिका की डिजिटल कंपनियों के खिलाफ जो डीएसटी लगाया जा रहा है, वे अंतरराष्ट्रीय कर कानूनों के विरुद्ध है और इससे अमेरिकी कंपनियों पर वित्तीय बोझ बढ़ गया है। दो फीसदी तथाकथित गूगल टैक्स एक अप्रैल 2020 से लागू हुआ था। इसके तहत 119 कंपनियों को डिजिटल टैक्स के दायरे में लाया गया है। इनमें से 86 कंपनियां अमेरिकी हैं।