मध्यप्रदेश पर एक लाख 52 हजार 745 करोड़ रुपए का कर्ज

भोपाल। प्रदेश पर पिछले साल 31 मार्च तक एक लाख 52 हजार 745 करोड़ रुपए का कर्ज था, जो इस साल 31 मार्च की तारीख में बढ़ कर एक लाख 80 हजार 988 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। वित्त मंत्री तरुण भनोत ने आज विधानसभा में बजट पेश करने के बाद संवाददाताओं को इस बारे में जानकारी दी।
वित्त मंत्री ने कहा कि महालेखाकार की ओर से राज्य को दी गई जानकारी के मुताबिक राज्य में 31 मार्च 2018 को एक लाख 52 हजार 745 करोड़ रुपए का कर्ज है। ये राशि 31 मार्च 2019 को बढ़ कर एक लाख 80 हजार 988 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है।
पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बड़ी संख्या में कर्ज लिए जाने और प्रदेश को बीमारू राज्य के तौर पर छोड़े जाने से जुड़े सवालों पर वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारें विकास कार्यों के लिए कर्ज लेती हैं, लेकिन उस कर्ज का सदुपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ‘पिछले दरवाजे’ से कोई कर नहीं लगाने जा रही।
वित्तमंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार ने सत्ता संभालते ही कर्जमाफी पर कार्य शुरू कर दिया था। शुरूआत में लगभग 20 लाख ‘एनपीए’ खाता वाले किसानों के ऋण माफ किए जा चुके हैं। कुछ और किसानों के ऋण भी माफ किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि अब दूसरे चरण में किसानों की ऋणमाफी के लिए बजट में लगभग आठ हजार करोड़ रूपयों का प्रावधान किया गया है। सरकार अपने वचन के अनुरूप किसानों के ऋण माफ करेगी। और अधिक राशि की जरुरत पड़ने पर अनुपूरक बजट में धनराशि का प्रावधान किया जाएगा।
मध्यप्रदेश में लगभग आठ माह पहले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने किसानों के दो लाख रूपयों तक के ऋण माफ करने की घोषणा की थी। दिसंबर 2018 में सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार ने इस पर कार्य शुरू कर दिया था और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शपथ ग्रहण करने के बाद सबसे पहले ऋणमाफी संबंधी फाइल पर ही दस्तखत किए थे।
पैसा कहां से आएगा और कहां जाएगा
कुल विनियोग राशि 233605.89 करोड़ रुपए और कुल शुद्ध व्यय 214065.02 करोड़ का प्रावधान।
राजस्व आधिक्य 732.63 करोड़ रुपए।
सकल राज्य घरेलु उत्पाद से राजकोषीय घाटे का प्रतिशत 3.34% अनुमानित।
अनुमानित राजस्व प्राप्तियां 179353.75 करोड़ रूपए। जिसमें राज्य के सेवंय के कर की राशि 65273.74 करोड़ रुपए, केंद्रीय करों से में प्रदेश का हिस्सा 63750.81 करोड़ रुपए। करेतर राजस्व 13968.27 करोड़ रुपए एवं केंद्र से प्राप्त सहायता अमुदान 36360.93 करोड़ रुपए शामिल।
वर्ष 2019-20 में वर्ष 201819 के पुनरीक्षण अनुमान की तुलना में राज्य के स्वयं के कर राजस्व में 23.69% की वद्धि अमुमानित।
वर्ष 2019-20 में राजस्व व्यय 178621.12 करोड़ अनुमानित है, जो वर्ष 2018-10 के पुनरीक्षित अनुमान से 151022.46 करोड़ से 18,27% अधिक अनुमानित।
वर्ष 2018-19 में पूंजीगत परिव्यय 29256.78 करौड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 35463.90 करोड़, 21.22% की वृद्धि अनुमानित।
पूंजीगत परिव्यय राद्य के सकल घरेलु उत्पाद का 3.68% अनुमानित।
सकल घरेलू उत्पाद से राजस्व आधिक्य का प्रतिशत 0.08%
ब्याज भुगतान का कुल राजस्व प्राप्तियों से प्रतिशत 8.04%