मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को मिली बड़ी सोगात, DA के साथ मिलेगा एक और भत्ता, इस महीने से खाते में आएंगे पैसे
MP Government Employees Will Get Risk Allowance: मध्य प्रदेश में कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है. अब सरकार ने महंगाई भत्ते (DA Hike) के साथ ही बिजली विभाग का जोखिम भरा काम करने वाले कर्मचारियों को जोखिम भत्ता देने का फैसला लिया है. इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं.
भोपाल। मध्य प्रदेश में कर्मचारियों (MP Government Employees) के लिए एक और खुशखबरी है. महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी (DA Hike) की चर्चाओं के बीच सरकार ने एक और नया भत्ते के रूप में जोखिम भत्ता (Risk Allowance) देने का ऐलान किया है. ये भत्ता बिजली विभाग में जोखिम भरा काम करने वाले कर्मचारियों (Outsource Electrical Worker) को दिया जाएगा. इस संबंध में आदेश जारी हो गए हैं. जानकारी के अनुसार ये पैसे कर्मचारियों के आकाउंट में जून माह की सैलरी के साथ आएंगे.
16 जिलों के कर्मचारियों को मिलेगा भत्ता
प्रदेश के 16 जिले के बिजली कंपनी में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों को 1000 रुपये जोखिम भत्ता देने का फैसला लिया गया है. इसका फायदा 16 जिलों में आउटसोर्स एजेंसी में काम कर रहे 1 हजार 200 लाइन कर्मियों को मिलेगा. मई और जून 2023 के लिए मिलने वाले भत्ते का भुगतान जून के वेतन के वेतन के साथ किया जाएगा. इसके बाद इस भत्ते का भुगतान तीन माह में किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: इन सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों का ऐलान पहले! दिग्गी ने कमलनाथ को दी सीक्रट रिपोर्ट
हर महीने मिलेंगे 1000 रुपये
एक न्यूज वेबसाइट से बात करते हुए मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एक अधिकारी न बताया की बताया कि उपभोक्ताओं की सुविधा में विस्तार और संतुष्टि में वृद्धि करने के लिहाज से ये फैसला लिया गया है. निर्माण और गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति के साथ ही कंपनी के राजस्व और कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखना हमारी प्राथमिकता है. इस कारण राज्य सरकार द्वारा आउटसोर्स कर्मियों को हर महीने 1000 रुपये जोखिम भत्ता देने का निर्णय हुआ है.
DA बढ़ाया जा सकता है
बता दें इससे पहले चुनावी साल में प्रदेश के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करने की खबरें आ रही है. हालांकि, अभी इसपर आधिकारिक फैसला नहीं हुआ है. जानकारी के अनुसार, सरकार 7.50 लाख कर्मचारियों को 4 फीसदी DA देने की तैयारी में है. माना जा रहा है जुलाई माह सैलरी में ये बड़ा बदलाव होगा. हालांकि, अगर सरकार ये फैसला लेती है तो उसपर 160 करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा.