ब्राजील में कोरोना की मार: महंगाई और बेरोजगारी बढ़ी, आधी आबादी को नहीं नसीब हो रहा भरपेट खाना
ब्राजील पिछले एक साल से कोरोना वायरस का कहर झेल रहा है। कोरोना के चलते ब्राजील में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ गई है। हालात ये हैं कि करीब दो करोड़ लोग ब्राजील भुखमरी से मरने को मजबूर हैं। ब्राजील की आधी आबादी को भरपेट भोजन नसीब नहीं हो रहा है।एक साल बाद भी हालत जस के तस बने हुए हैं। हर रोज करीब 40 हजार नए कोरोना मरीज मिले रहे हैं और हजारों लोगों की जान जा रही है। कब्रिस्तानों में शवों को दफनाने के लिए जगह नहीं बची है।
ब्राजील में कुल 21.1 करोड़ आबादी है, जिसमें से आधे से ज्यादा लोगों को ठीक से भोजन नसीब नहीं हो रहा है। ब्राजील की आधी आबादी भुखमरी की शिकार है। ब्राजील के ब्राजील के खाद्य संप्रभुता और पोषण सुरक्षा अनुसंधान नेटवर्क की रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है।
गांव के लोगों की हालत ज्यादा खराब
नेटवर्क के अध्यक्ष रेनाटो मालूफ ने बताया कि ब्राजील के शहरों में तो फिर भी लोग सड़कों पर निकलकर खाना मांग सकते हैं, लेकिन गांवों में हालात बहुत खराब हैं क्योंकि वहां सड़कों पर खाना देने वाला भी नहीं मिलेगा।
महंगाई और बेरोजगारी के चलते बिगड़े हालात
विशेषज्ञों के मुताबिक, ब्राजील में कोरोना संकट के बीच भुखमरी का कारण है कोविड के कारण बढ़ी बेरोजगारी और बेतहाशा बढ़े जरूरी चीजों के दाम। ब्राजील इंस्टिट्यूट ऑफ ज्योग्राफी एंड स्टेटिक्स के अनुसार, बीते एक साल में देश में चावल के दाम 70 फीसदी और घरेलू गैस के 20 फीसदी तक बढ़ गए हैं।
अमेरिका में नहीं लगाया जा रहा ब्राजील के लोगों को टीका
ब्राजील में बेरोजगारी से परेशान लोग रोजगार की तलाश में बड़ी संख्या में अमेरिका जाते हैं, लेकिन कोरोना के कारण उनके लिए वहां भी मुसीबत खड़ी हो गई है, वहां उन्हें कोरोना टीका नहीं लगाया जा रहा। इन लोगों के पास ड्राइविंग लाइसेंस जैसे स्थानीय पहचान पत्र नहीं है। अमेरिका के 50 में 10 ही राज्यों में ऐसे लोगों को टीका लगाया जा रहा है।